हिंदू धर्म में भगवान गणेश को सबसे पहले पूजा जाने वाला देवता माना जाता है। किसी भी शुभ काम की शुरुआत गणेश जी की पूजा से होती है, इसलिए उन्हें प्रथम पूज्य कहा जाता है। हर महीने आने वाली चतुर्थी तिथि को गणेश जी की पूजा के लिए विशेष माना गया है। इस दिन को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और श्रद्धा से गणेश जी की पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियाँ और बाधाएं दूर हो सकती हैं। यह दिन भक्तों के लिए भगवान गणेश की कृपा पाने का खास अवसर होता है।
विनायक चतुर्थी मुहूर्त
वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 30 अप्रैल को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से शुरू हो रही है और यह तिथि 1 मई को सुबह 11 बजकर 23 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार, विनायक चतुर्थी का व्रत और पूजा गुरुवार, 1 मई 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन भक्त गणेश जी की पूजा कर उनके आशीर्वाद से जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने की कामना करते हैं।
विनायक चतुर्थी पूजा मुहूर्त – 1 मई दिन गुरुवार को सुबह 11 बजकर 17 मिनट से सुबह 11 बजकर 23 मिनट तक
अर्पित करें ये चीजें
- विनायक चतुर्थी के दिन पूजा करते समय आप गणेश जी को कुछ खास चीजें अर्पित कर सकते हैं, जिससे वे प्रसन्न होते हैं।
- इस दिन गणेश जी को हरे रंग के वस्त्र, सुपारी, जनेऊ, चंदन, दूर्वा (हरी घास), अक्षत (चावल), धूप, दीप, पीले फूल और फल अर्पित करना शुभ माना जाता है।
- भोग के रूप में मोदक और लड्डू जरूर चढ़ाएं, क्योंकि ये गणेश जी को बहुत प्रिय होते हैं।
- इन सभी चीजों को श्रद्धा से अर्पित करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
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इस प्रकार अर्पित करें दूर्वा
विनायक चतुर्थी या किसी भी दिन गणेश जी की पूजा करते समय उन्हें 21 दूर्वा (हरी घास) अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है। पूजा के दौरान जब आप दूर्वा चढ़ाएं, तो इस मंत्र का जप करें “श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरान् समर्पयामि” इस मंत्र के साथ दूर्वा अर्पित करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और साधक को सुख, समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद मिलता है।
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