सनातन धर्म में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि गणेश जी को समर्पित है। इस दिन विशेष रूप से गणेश जी की पूजा की जाती है। यह पर्व हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है।
भक्त श्रद्धा भाव से शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की पूजा करते हैं। साथ ही मनोवांछित फलों की प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं। गणेश जी की पूजा करने से ग्रहों के राजकुमार बुध देव प्रसन्न होते हैं।
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 01 अप्रैल को सुबह 05:42 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, चतुर्थी तिथि का समापन 02 अप्रैल को देर रात 02:32 मिनट पर होगा। इस दिन चन्द्रास्त रात 10:14 मिनट पर होगा। साधक 01 अप्रैल को विनायक चतुर्थी व्रत रख सकते हैं।
शुभ योग
पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग सुबह 09:48 मिनट से हो रहा है,जो पूर्ण रात्रि भर है। इसके साथ ही भद्रावास का भी निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, भरणी एवं कृत्तिका नक्षत्र का भी संयोग है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट अवश्य दूर हो जाएंगे और साथ सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होगी।