हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का बहुत महत्व है। यह व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से मनचाही इच्छाएं पूरी होती हैं। यह दिन खासकर अविवाहित लड़के-लड़कियों के लिए शुभ माना जाता है। मान्यता है कि यह व्रत करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। वहीं विवाहित लोगों को वैवाहिक जीवन की समस्याओं से छुटकारा मिलता है। आइए जानें कि मई महीने में मासिक शिवरात्रि किस तारीख को आएगी।
25 मई 2025 मासिक शिवरात्रि की तिथि
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 25 मई को दोपहर 3 बजकर 51 मिनट पर होगा और वहीं इसका समापन 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर होगा। इस दिन निशिता काल पूजा मुहूर्त 25 मई की रात 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। ऐसे में ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि इस वर्ष 25 मई 2025 को मनाई जाएगी।
मासिक शिवरात्रि के दिन कैसे करें शिव- पार्वती की पूजा
अगर वैवाहिक जीवन में तनाव है या शादी में देर हो रही है, तो मासिक शिवरात्रि के दिन शिव और पार्वती की विशेष पूजा करें। शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद और बेलपत्र चढ़ाएं और मिठाई का भोग लगाएं। सच्चे मन से की गई यह पूजा जीवन की परेशानियों को दूर करती है और घर में सुख-शांति लाती है।
मई मासिक शिवरात्रि 2025 शुभ मुहूर्त :
मई मासिक शिवरात्रि के दिन कई महत्वपूर्ण मुहूर्त होते हैं जिनमें पूजा करने से विशेष फल मिलते हैं:
सूर्योदय: सुबह 5:26 बजे
सूर्यास्त: शाम 7:11 बजे
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:04 से 4:45 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 2:36 से 3:31 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:58 से दोपहर 12:50 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 7:09 से 7:30 बजे तक
निशीथ पूजा मुहूर्त: रात 11:22 से 12:01 बजे तक
इन मुहूर्तों में विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा, अभिषेक और मंत्र जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है.
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, बेलपत्र, धतूरा और भस्म चढ़ाएं। भगवान शिव के साथ माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय जी की भी पूजा करें। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते हुए आरती करें और भगवान से अपने परिवार के सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। रात के समय, खासकर निशीथ काल में की गई पूजा सबसे फलदायक मानी जाती है।
मासिक शिवरात्रि के दिन शिवलिंग का अभिषेक करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन दूध, दही, शहद, गंगाजल और बेलपत्र से भगवान शिव को स्नान कराएं और फिर आरती करें। ऐसा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है।