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दिव्य सुधा > व्रत और त्योहार > Holika Dahan 2025 : आखिर किस श्राप का है डर, जो 400 साल से यहां नहीं हुआ होलिका दहन
व्रत और त्योहार

Holika Dahan 2025 : आखिर किस श्राप का है डर, जो 400 साल से यहां नहीं हुआ होलिका दहन

दिव्यसुधा
Last updated: March 11, 2025 9:31 am
दिव्यसुधा
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Holika Dahan
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होली एक ऐसा त्यौहार है जो उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। यहां हर प्रांत की अलग प्रथा होती है और लोग अपने-अपने तरीके से इसे मनाते भी करते हैं। होली को खुशियों का त्यौहार माना जाता है और बच्चों को तो खासतौर पर इससे बहुत लगाव होता है। लेकिन शायद आपको ये ना पता हो कि भारत कई ऐसी जगहें भी हैं जहां होली मनाना अशुभ माना जाता है। यहां होली मनाने से लोगों को डर भी लगता है। आखिर इसकी वजह क्या है।

मध्यप्रदेश, हथखोह गांव –

मध्यप्रदेश के सागर जिले हथखोह गांव में 400 से होलिका दहन नहीं किया गया है. लोग बताते हैं कि गांव में झारखंडन माता का मंदिर है और ऐसा कहा जाता है कि अगर गांव में होली जलाते हैं, तो माता नाराज हो जाती है और कोई ना कोई प्रकोप गांव पर आ जाता है. एक बार गांव के लोगों ने परंपरा तोड़कर होलिका दहन किया, तो पूरे गांव के घरों में आग लग गई थी.तभी से लोगों का मानना है कि यहां देवी के श्राप के चलते होलिका दहन नहीं किया जाता.

झारखंड दुर्गापुर गांव –
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कई वर्षों पहले इस गांव में एक राजा के बेटी की मृत्यु होली के दिन हो गई थी. राजा के बेटी की मौत के बाद जब-जब इस गांव में होली का त्योहार मनाया गया, तब-तब गांववालों पर संकट गहराने लगा. इसके बाद राजा ने यहां के लोगों को होली ना मनाने का आदेश दिया.

गुजरात रामसन –
गुजरात का रामसन उर्फ रामेश्वर गांव 200 सालों से भी ज्यादा से होली का त्यौहार नहीं मना रहा है। इस जगह का नाम पहले रामेश्वर था और बाद में रामसन हो गया। इसका संबंध भगवान राम से है और स्थानीय मान्यता के अनुसार भगवान राम अपने जीवनकाल में यहां आए थे।

इस गांव में 200 साल से होलिका दहन नहीं हुआ.ऐसी भी मान्यता है कि यहां के राजा होलिका दहन ना होने के कारण संतों से नाराज हो गए थे। संत नाराज हो गए थे और उसके बाद उन्होंने श्राप दिया कि जिस दिन यहां होलिका दहन होगा उस दिन पूरे गांव में आग लग जाएगी। इस श्राप का असर आज भी देखने मिलता है और लोगों की मान्यता है कि होलिका दहन और होली का त्यौहार मनाना बंद कर दिया गया है।

यूपी बरसी गांव –
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के एक गांव में होलिका दहन नहीं किया जाता है. बरसी गांव का मानना है कि अगर यहां होलिका दहन किया जाएगा तो भगवान शिव के पैर जल जाएंगे और इसलिए ‘होलिका दहन’ नहीं किया जाता है. स्थानीय महिलाएं होली की पूर्व संध्या पर ‘होलिका दहन’ करने के लिए बगल के गांव में जाती हैं.

उत्तराखंड , रुद्र प्रयाग के गांव –
एक ओर जहां पूरे देश में होली की धूम है. वहीं रुद्रप्रयाग जिले के तीन गांव ऐसे हैं, जहां आज तक होली कभी नहीं मनाई गई. दो बार इन तीनों गांवों के लोगों होली मनाने का प्रयास किया. लेकिन होली मनाते ही तीनों गांवों में गंभीर बीमारी फैल गई और इंसानों के साथ-साथ जानवर भी मारे गये. इस डर के कारण अब ग्रामीणों ने होली मनाना छोड़ ही दिया है. लगभग तीन सौ से अधिक सालों से इन गांवों के लोगों ने होली नहीं मनाई है.

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