Hanuman ji : हनुमान जी को “संकटमोचन” क्यों कहा जाता है।

hanuman ji

हनुमान जी बल, बुद्धि, भक्ति और निष्ठा के प्रतीक हैं और अपने भक्तों को हर प्रकार के दुख, भय, रोग, बाधाओं और संकटों से मुक्त करते हैं। इसके अलावा उन्हें “संकटमोचक” भी कहा जाता है क्योंकि वे अपने भक्तों की अदृश्य रूप से रक्षा करते हैं हनुमान चालीसा में भी कहा गया है कि “जो भी आपकी शरण में आते है उन सभी को आनन्द एवं सुख प्राप्त होता है और आप रक्षक है, तो फिर किसी का डर नहीं रहता। यानि जो भी हनुमान जी की शरण में आता है, उसे कोई भय नहीं रहता। शास्त्रों, पुराणों और रामायण में हनुमान जी द्वारा अनेक संकटों को दूर करने की कहानियां मिलती हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे सच में संकटमोचक हैं। वैसे, आधुनिक समय में भी लोगों का यह विश्वास प्रबल है कि हनुमान जी उनकी रक्षा करते हैं।

धार्मिक कहानियों के अनुसार, हनुमान जी को रुद्र अवतार यानि शिव जी का अंश माना जाता है, इसलिए वे किसी भी नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट आसानी से कर सकते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि “भूत-पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे”, जिसका अर्थ है कि हनुमान जी के नाम लेने मात्र से ही भूत-प्रेत और नकारात्मक शक्तियाँ हमारे पास नहीं आती हैं। कहते है कि जो व्यक्ति हनुमान चालीसा का नियमित रूप से पाठ करता है, उसके आस पास भूत-प्रेत, तंत्र-मंत्र, बुरी नजर और बुरी शक्तियाँ नहीं आ सकतीं। हनुमान जी की पूजा से डर, भय और तनाव दूर होता है। यदि कोई व्यक्ति रात को डरता है, या बुरे सपने आते हैं, तो उसे सोने से पहले हनुमान चालीसा अवश्य पढ़ना चाहिए। इससे मन को शांति मिलती है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं।

शत्रुओं से रक्षा :-

हनुमान जी को बल, बुद्धि और विजय के देवता माना जाता है। कहते हैं कि जो व्यक्ति हनुमान बाहुक और सुंदरकांड का पाठ करता है, वह किसी भी शत्रु के षड्यंत्र से सुरक्षित रहता है। हनुमान जी शत्रु नाशक हैं और अपने भक्तों को किसी भी प्रकार की बुरी योजना से बचाते हैं।

यदि कोई मनुष्य हनुमान जी की पूजा करता है, तो वह दुर्घटनाओं और अकाल मृत्यु से बच सकता है। हनुमान जी को “अष्ट सिद्धि और नव निधि” का वरदान प्राप्त है, जिससे वे अपने भक्तों की हर स्थिति में सहायता करते हैं। हनुमान चालीसा में कहा गया है कि “संकट से हनुमान छुड़ावे, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे”, जिसका मतलब है जो मन, वचन और कर्म से हनुमान जी का ध्यान करता है, उसे वे हर संकट से मुक्त कर देते हैं। हनुमान जी की कृपा से शारीरिक और मानसिक बीमारियों से मुक्ति मिलती है। हनुमान बाहुक का पाठ करने से अस्थमा, वात रोग और अन्य बीमारियाँ ठीक होती हैं। जो व्यक्ति मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करता है, वह रोगों से मुक्त रहता है।

ग्रह दोष और शनि की पीड़ा से करते है रक्षा : –

हनुमान जी की भक्ति करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या के प्रभाव से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों में कहा गया है कि शनि देव ने हनुमान जी को वचन दिया था कि जो व्यक्ति हनुमान जी की आराधना करेगा, उसे शनि देव कभी कष्ट नहीं पहुँचायेंगे। मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी को सिंदूर और तेल अर्पित करने से ग्रह दोष से शांति मिलती हैं।

हनुमान जी की कृपा से आर्थिक संकट और धन हानि से बचाव होता है। जो व्यक्ति हनुमान जी को गुड़-चना और बूंदी के लड्डू चढ़ाता है, उसके घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती। व्यापार में उन्नति और आर्थिक वृद्धि के लिए हनुमान अष्टक और सुंदर कांड का पाठ लाभदायक होता है।