हम सभी रोज़ खुद को देखने और तैयार होने के लिए घर में आईना जरूर लगाते हैं। कुछ लोगों को आईना देखने का इतना शौक होता है कि वे घर के कई हिस्सों में शीशे लगा लेते हैं। लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार, आईना कहीं भी और किसी भी दिशा में लगाना सही नहीं होता। अगर शीशा गलत दिशा या जगह पर लगाया जाए, तो इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है। इसका असर परिवार के लोगों की सेहत, मनोदशा और रिश्तों पर भी पड़ सकता है। इसलिए घर में सुख-शांति और पॉजिटिव माहौल बनाए रखने के लिए आईना लगाने के वास्तु नियमों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं कि घर में आईना लगाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि नकारात्मकता से बचा जा सके और घर में खुशहाली बनी रहे।
इस दिशा में दर्पण लगाने से धन-दौलत में होगी वृद्धि
वास्तुशास्त्र के मुताबिक, घर में उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में आईना लगाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में तरक्की के रास्ते खुलते हैं और पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है। अगर आप कोई व्यापार करते हैं, तो अपने दुकान या ऑफिस में ऐसा आईना लगाएं जिसमें कैश बॉक्स, बिलिंग मशीन या पैसों से जुड़ी चीजों का प्रतिबिंब दिखे। ऐसा करने से आय में बढ़ोतरी होती है और धन की बरकत बनी रहती है। इसके अलावा, अगर घर में कोई कोना बहुत ज्यादा सुनसान या अंधेरा है, तो वहां भी आईना लगाना फायदेमंद होता है। इससे उस जगह में रौनक आती है और ऊर्जा बनी रहती है।
इस स्थान पर शीशा लगाने से आती है नकारात्मकता
वास्तुशास्त्र के अनुसार, बेड के ठीक सामने या उसके आस-पास कभी भी आईना नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से कमरे में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है और इसका बुरा असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ सकता है। कहा जाता है कि बेडरूम में दर्पण लगाने से तरक्की में रुकावट आ सकती है और आर्थिक परेशानी भी हो सकती है। इसलिए कोशिश करें कि बेड के सामने या कमरे की दीवारों पर आईना न लगाएं। अगर बेडरूम में आईना लगाना जरूरी हो, तो उसे इस तरह लगाएं कि उसमें सोते समय आपकी छवि ना दिखे। इससे नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सकता है।
गलत जगह लगाया दर्पण बढ़ा सकता है मुसीबतें
मान्यताओं और वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर में कभी भी टूटा हुआ दर्पण नहीं रखना चाहिए। अगर आईना थोड़ा भी टूट गया हो, तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए। टूटे हुए शीशे को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा फैल सकती है, जिससे परिवार के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसका असर सेहत और मानसिक शांति पर भी पड़ता है। सिर्फ टूटा हुआ ही नहीं, बल्कि ऐसा दर्पण जिसमें चेहरा साफ़ न दिखे या जो धुंधला हो, उसका भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसे आईने से घर में सुख-शांति कम होने लगती है और मन में निराशा आ सकती है। इसलिए हमेशा साफ़, पूरा और सही दिशा में लगाया गया आईना ही उपयोग करें।
इस जगह शीशा होना, बनता है पैसों की तंगी का कारण
कुछ लोग घर के मुख्य द्वार पर दर्पण लगवा लेते हैं, जो देखने में अच्छा लगता है, लेकिन वास्तुशास्त्र के अनुसार यह सही नहीं है। मुख्य दरवाजे पर शीशा लगाने से घर में आने वाली सकारात्मक ऊर्जा लौट जाती है, जिससे शांति और सुख-समृद्धि पर असर पड़ता है। यह व्यापार में रुकावटें और पैसों की कमी भी ला सकता है। साथ ही, परिवार के लोगों के बीच तनाव और मनमुटाव बढ़ सकता है। इसलिए मुख्य द्वार पर कभी भी दर्पण नहीं लगाना चाहिए। अगर पहले से लगा हो तो उसे हटाना वास्तु के अनुसार बेहतर माना गया है।
नोट : लेख में दिए गए नुस्खे की जानकारी व दावे पूरी तरह से विद्वानों से की गयी बातचीत पर आधारित हैं। दिव्यसुधा इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेती है। किसी भी तरह के उपाय आजमाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य की सलाह जरूर ले लें।