श्री गणेशाय नमः
आप सभी का हृदय से धन्यवाद और सादर आभार।
“दिव्यसुधा” भक्ति की अमृत धारा बनकर जैसे-जैसे आपके जीवन में प्रवाहित हो रही है, वैसे-वैसे हमारा विश्वास और समर्पण और भी दृढ़ होता जा रहा है। आप सभी पाठकों की श्रद्धा, लगन और स्नेह-भरी प्रतिक्रियाएं हमारी प्रेरणा बन चुकी हैं। हर मेल, हर सुझाव और हर शब्द से हमारी टीम अभिभूत होती है।
दिव्यसुधा का यह जुलाई 2025 अंक आपके लिए लेकर आया है आध्यात्मिक विचारों, सांस्कृतिक परंपराओं और ज्योतिषीय रहस्यों की एक पवित्र माला, जिसे हमने विशेष रूप से सावन और चातुर्मास की पुण्य बेला को समर्पित किया है। यह मास सनातन धर्म की गहराई, इसकी रहस्यमयी परंपराओं और भक्तिपथ की विविधताओं को समझने का एक श्रेष्ठ अवसर है। जब श्रावण की पहली बूंद धरती पर गिरती है, तो भक्तों के मन में भगवान शिव का ध्यान उमड़ने लगता है। ऐसे शुभ समय में, श्रद्धा और साधना के माध्यम से आत्मा को निर्मल करने वाले विषयों को आप तक पहुंचाना हमारा परम कर्तव्य है।
इस अंक में हमने उन गूढ़ विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत किया है जो हमारे धर्म, विज्ञान और संस्कृति के त्रिवेणी संगम को दर्शाते हैं। चाहे वह आकाश में चमकते नक्षत्रों के माध्यम से जीवन की कथाओं को समझने की कला हो, या शिव की प्रिय नगरी काशी में उनके रक्षक स्वरूप की अद्भुत कथा हर लेख में श्रद्धा के साथ-साथ बौद्धिक तृप्ति का भी समावेश है।
हमने स्त्री-शक्ति की दिव्यता को भी सम्मानपूर्वक स्थान दिया है। भारतीय नारी जब स्वयं को पूर्ण रूप से सज्जित करती है, तो वह न केवल रूप की, बल्कि चेतना की भी प्रतीक बन जाती है। उसकी पूजा-पद्धति, आचरण और दैनिक क्रियाएं भी घर के वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देती हैं।
इस अंक में हमने जीवन की उन सूक्ष्म बातों को भी सम्मिलित किया है जो साधारण दिखती हैं, परंतु अगर उपेक्षित रह जाएं तो उनका प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ सकता है। सनातन परंपराओं में आस्था और अनुशासन का जो मेल है, वही गृहस्थ जीवन में लक्ष्मी और शांति का वास सुनिश्चित करता है। चातुर्मास की शांति और साधना के इस काल में, जब भगवान विष्णु योगनिद्रा में रहते हैं, यह समय आत्मनिरीक्षण, संयम और अध्यात्म में गहराई से उतरने का होता है। यह वह काल है जब भगवान शिव सृष्टि के संचालन का भार उठाते हैं और समस्त भक्तजन उनके चरणों में लीन हो जाते हैं।
भविष्य की झलक पाने की इच्छा हर किसी के मन में होती है। इस बार हम आपके लिए मासिक राशिफल भी लेकर आए हैं, जिसमें ग्रहों और नक्षत्रों की गतिविधियों के आधार पर आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों की संभावनाएं दर्शाई गई हैं। साथ ही, श्रावण मास के विशेष पर्वों, जैसे नागपंचमी और सावन सोमवार की पूजा विधियों एवं शुभ मुहूर्तों को भी विस्तार से प्रस्तुत किया गया है, ताकि आप विधिपूर्वक पूजन कर सकें और दिव्यता को अनुभव कर सकें।
पढ़कर अपनी राय अवश्य दें।
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