Monday, 16 Jun 2025
  • दिव्यसुधा के बारे में!
  • विज्ञापन
  • संपर्क करें
Subscribe
दिव्य सुधा
  • सनातन धर्म
    • भगवान
    • मंदिर
  • राशिफल
  • पंचांग
  • आरती/मंत्र
  • ग्रह-नक्षत्र
  • व्रत और त्योहार
  • वास्तु शास्त्र/हस्त रेखा
  • अन्य
ट्रेंडिंग
वास्तु शास्त्र के अनुसार फिश एक्वेरियम रखने की दिशा और नियम

वास्तु शास्त्र के अनुसार फिश एक्वेरियम रखने की दिशा और नियम

आषाढ़ अमावस्या 2025: पितृ पूजन का महत्व, व्रत विधि और सावधानियां

आषाढ़ अमावस्या 2025: पितृ पूजन का महत्व, व्रत विधि और सावधानियां

भरोसेमंद व्यक्ति की पहचान के लिए आचार्य चाणक्य के 4 सिद्धांत

भरोसेमंद व्यक्ति की पहचान के लिए आचार्य चाणक्य के 4 सिद्धांत

शमी और केले के पेड़: इन गलतियों से बचें, नहीं तो होगा नुकसान

शमी और केले के पेड़: इन गलतियों से बचें, नहीं तो होगा नुकसान

जानिए, आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला लाफिंग बुद्धा का सही रूप कौन सा है

जानिए, आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला लाफिंग बुद्धा का सही रूप कौन सा है

कैंची धाम का प्रतिष्ठा दिवस: जहां भक्ति और चमत्कार मिलते हैं एक साथ

कैंची धाम का प्रतिष्ठा दिवस: जहां भक्ति और चमत्कार मिलते हैं एक साथ

नाम जप में क्यों भटकता है मन और पाप की ओर क्यों आकर्षित होता है?

नाम जप में क्यों भटकता है मन और पाप की ओर क्यों आकर्षित होता है?

रविवार के दिन करें ये उपाय, मिलेंगे कई लाभ

रविवार के दिन करें ये उपाय, मिलेंगे कई लाभ

मार्तंड सूर्य मंदिर: कश्मीर की प्राचीन कला, आस्था और वास्तुकला का गौरव

मार्तंड सूर्य मंदिर: कश्मीर की प्राचीन कला, आस्था और वास्तुकला का गौरव

पैर छूने की असली वजह क्या है? जानिए शास्त्रों की राय

पैर छूने की असली वजह क्या है? जानिए शास्त्रों की राय

Font ResizerAa
दिव्य सुधादिव्य सुधा
  • सनातन धर्म
  • राशिफल
  • पंचांग
  • आरती/मंत्र
  • ग्रह-नक्षत्र
  • व्रत और त्योहार
  • वास्तु शास्त्र/हस्त रेखा
  • अन्य
Search
  • जानें दिव्यसुधा के बारे में!
  • विज्ञापन
  • संपर्क करें
Follow US
दिव्य सुधा > व्रत और त्योहार > Vinayak Chturthi : कब है विनायक चतुर्थी?
व्रत और त्योहार

Vinayak Chturthi : कब है विनायक चतुर्थी?

दिव्यसुधा
Last updated: March 7, 2025 10:10 am
दिव्यसुधा
Share
ganesh chturthi
SHARE

सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. विनायक चतुर्थी का दिन भगवान गणेश को समर्पित हैं. कहते हैं इस दिन विघ्न हर्ता श्री गणेश की विधिवत पूजा और व्रत करने से जातकों को बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार फागुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विनायक चतुर्दशी व्रत रखा जाता है. विनायक चतुर्दशी के शुभ मौके पर भगवान गणेश की पूजा आराधना करने से जीवन के सभी प्रकार के कष्ट से मुक्ति मिलती है. वैसे हर महीने एक बार विनायक चतुर्दशी का व्रत भी रखा जाता है। वहीं इस जीवन का समस्त बाधाओं और आर्थिक तंगी से भी मुक्ति मिलती है.

शुभ मुहूर्त :-
हिंदू पंचांग के अनुसार फागुन माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 2 मार्च को रात्रि 9:01 से शुरू होकर 3 मार्च को शाम 6:02 पर समाप्त होगा. उदया तिथि के अनुसार विनायक चतुर्दशी का व्रत सोमवार के दिन 3 मार्च को रखा जाएगा, जिसमें पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5:05 से लेकर 5:55 तक रहेगा. तो वहीं अभिजीत मुहूर्त 12:10 से लेकर 12:56 तक रहेगा तथा विजय मुहूर्त 2:30 से लेकर 5:16 तक रहेगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार शुभ मुहूर्त में पूजा करना अत्यंत शुभ फलदायी होता है.

पूजा विधि :-
विनायक चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करनी चाहिए. जलाभिषेक करना चाहिए. भगवान गणेश को पुष्प फल और पीला चंदन अर्पित करना चाहिए. तिल का लड्डू अथवा मोदक का भोग लगाना चाहिए. भगवान गणेश की अमोघ मित्रों का जाप करना चाहिए और उसके बाद पूरी श्रद्धा के साथ गणेश जी की आरती करनी चाहिए। गणेशजी को 21 दूर्वा चढ़ाएं। फिर लड्डुओं का भी भोग लगाएं। इसके बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। इसके बाद खुद भोजन कर सकते हैं।

विनायक चतुर्थी व्रत कथा :-

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान शिव और माँ पार्वती नर्मदा नदी के किनारे बैठकर चौपड़ खेल रहे थे। शिव जी ने खेल में हार-जीत का फैसला करने के लिए एक पुतले का निर्माण किया और उसकी प्रतिष्ठा कर दी। भगवान महादेव ने उस बालक से कहा कि वह खेल के बाद विजेता का फैसला करेगा। महादेव और देवी पार्वती खेलने लगे और देवी पार्वती जीत गईं। अंत में बालक ने महादेव को विजेता घोषित किया। यह सुनकर देवी पार्वती क्रोधित हो गईं और उन्होंने बालक को विकलांग बने रहने का श्राप दे दिया।

इसके बाद बालक ने देवी पार्वती से माफी मांगी और कहा कि मुझसे गलती हो गयी, जिसके बाद देवी पार्वती ने कहा कि श्राप को वापस नहीं लिया जा सकता, लेकिन एक उपाय है। देवी पार्वती ने कहा कि नाग कन्याएं भगवान गणेश की पूजा करने आएंगी और तुम्हें उनके बताए अनुसार व्रत करना होगा, जिससे तुम श्राप से मुक्त हो जाओगे। बालक कई वर्षों तक श्राप से पीड़ित रहा और एक दिन नाग कन्याएं भगवान गणेश की पूजा करने आईं। बालक ने उनसे गणेश जी की व्रत की विधि पूछी। बालक ने सच्चे मन से भगवान गणेश के निमित्त व्रत किया, जिससे भगवान गणेश प्रसन्न हुए और उससे वरदान मांगने को कहा।

बालक ने भगवान गणेश से प्रार्थना की और कहा कि हे विनायक, मुझे इतनी शक्ति दें कि मैं कैलाश पर्वत तक पैदल चल सकूं। भगवान गणेश ने बालक को आशीर्वाद दिया। बाद में बालक ने श्राप से मुक्त होने की कथा कैलाश पर्वत पर महादेव को सुनाई। चौपड़ के दिनों से ही माता पार्वती भगवान शिव से रुष्ट हो गई थीं। बालक की सलाह के अनुसार, भगवान शिव ने भी 21 दिनों तक भगवान गणेश के लिए व्रत रखा। व्रत के प्रभाव से माता पार्वती का महादेव के प्रति क्रोध समाप्त हो गया।

Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article March calendar : 2025 मार्च माह का कैलेंडर हिंदी में
Next Article भगवान जगन्नाथ मंदिर History of Lord Jagannath: एक मंदिर जो बताता है आने वाले कल के बारे में।
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
YoutubeSubscribe
- Advertisement -
Ad image

You Might Also Like

parshuram
व्रत और त्योहार

परशुराम जयंती 2025: 29 या 30 अप्रैल? जानिए सही तिथि और शुभ मुहूर्त

By
दिव्यसुधा
bada mangal
व्रत और त्योहार

बड़े मंगलवार के दिन सुन्दर करने से क्या होता है फायदा, जानें यहां

By
दिव्यसुधा
bhagwan vishnu mata laxmi
व्रत और त्योहार

विजया एकादशी, जानिए व्रत की महिमा और कथा

By
दिव्यसुधा
vastu dosh
व्रत और त्योहार

कर्ज से मुक्ति चाहिए? तो इन चूकों से रहें दूर

By
दिव्यसुधा

दिव्यसुधा के बारे में!

दिव्य सुधा एक धार्मिक पत्रिका है जिसका उद्देश्य हिन्दू देवी-देवताओं की महिमा और सभी तीर्थ स्थलों की महत्ता, महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार, पूजन विधि एवं अन्य धार्मिक जानकारियों को साझा करना है।

Top Categories

सनातन धर्म

भगवान

मंदिर

राशिफल

पंचांग

आरती/मंत्र

गृह/नक्षत्र

व्रत और त्योहार

वास्तु शास्त्र /हस्त रेखा

अन्य

Useful Links

दिव्यसुधा के बारे में!

संपर्क करें

विज्ञापन

Contact Us
  • डजन हैंड्स मीडिया पब्लिकेशन 1/8 विवेक खंड, गोमती नगर, लखनऊ - 226010, उत्तर प्रदेश
  • Contactus@divysudha.com

Privacy policy      Terms & Conditions  
© 2025 Divysudha. All Rights Reserved.

Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?