हरियाली तीज सावन के महीने में मनाया जाने वाला एक खास त्योहार है, जो सुहागिनों और कुंवारी लड़कियों के लिए बहुत महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और भगवान शिव-पार्वती की पूजा करती हैं ताकि उन्हें अखंड सौभाग्य और अच्छा जीवनसाथी प्राप्त हो। हरियाली तीज पर हरा रंग पहनने की परंपरा है क्योंकि यह रंग प्रकृति, खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक होता है। सावन का महीना हरियाली से भर जाता है, इसलिए इस त्योहार को ‘हरियाली’ तीज कहा जाता है। महिलाएं हरी साड़ी, चूड़ियां और मेहंदी लगाकर श्रृंगार करती हैं और इस दिन को खास बनाती हैं।
हरियाली तीज पर हरे रंग का महत्व
हरियाली तीज का त्योहार सावन के महीने में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं ताकि उन्हें अखंड सौभाग्य, सुखी वैवाहिक जीवन और योग्य जीवनसाथी का आशीर्वाद मिल सके।
हरियाली तीज पर हरे रंग का खास महत्व होता है। हिंदू धर्म में हरे रंग को बहुत शुभ माना जाता है। सावन के महीने में जब चारों ओर हरियाली छा जाती है, तब हरा रंग प्रकृति, समृद्धि और नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक बन जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन हरे रंग की कांच की चूड़ियां पहनने से पति की आयु लंबी होती है और वैवाहिक जीवन में प्रेम बना रहता है।
भगवान शिव को हरियाली और प्रकृति बहुत प्रिय मानी जाती है। इसलिए इस दिन हरे रंग की साड़ी, चूड़ियां और मेहंदी लगाकर पूजा करने से गौरी-शंकर की विशेष कृपा प्राप्त होती है। महिलाओं को सौभाग्य, सुख-शांति और प्रेम का आशीर्वाद मिलता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भी हरा रंग बुध ग्रह से जुड़ा होता है। यह रंग पहनने से बुध ग्रह मजबूत होता है और व्यक्ति की बुद्धिमत्ता व मानसिक शांति बढ़ती है। चूंकि इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं, इसलिए हरा रंग मन को ठंडक और शांति भी देता है, जिससे व्रत आसानी से पूरा किया जा सके।