Monday, 7 Jul 2025
  • दिव्यसुधा के बारे में!
  • विज्ञापन
  • संपर्क करें
Subscribe
दिव्य सुधा
  • सनातन धर्म
    • भगवान
    • मंदिर
  • राशिफल
  • पंचांग
  • आरती/मंत्र
  • ग्रह-नक्षत्र
  • व्रत और त्योहार
  • वास्तु शास्त्र/हस्त रेखा
  • अन्य
ट्रेंडिंग
सोमवार शाम को शिवलिंग पर करें यह खास पूजा, बनेगी आपकी किस्मत चमकदार

सोमवार शाम को शिवलिंग पर करें यह खास पूजा, बनेगी आपकी किस्मत चमकदार

चातुर्मास के शुभ अवसर पर करें ये 5 दान, मिलेगी विष्णु कृपा और सुख-समृद्धि

चातुर्मास के शुभ अवसर पर करें ये 5 दान, मिलेगी विष्णु कृपा और सुख-समृद्धि

वास्तु के अनुसार इस दिशा में रखें क्रासुला का पौधा, मिलेगा दोगुना लाभ

सफलता चाहिए तो रविवार को अपनाएं नींबू का यह सरल उपाय

सफलता चाहिए तो रविवार को अपनाएं नींबू का यह सरल उपाय

रामगढ़ का रहस्यमय खेमका शनि मंदिर, जहां कर्म पलटते हैं

आज है महाप्रभु जगन्नाथ की बाहुड़ा यात्रा, जानिए क्या है दैत्यपतियों से जुड़ा रहस्य

आज है महाप्रभु जगन्नाथ की बाहुड़ा यात्रा, जानिए क्या है दैत्यपतियों से जुड़ा रहस्य

देवशयनी एकादशी की संध्या पर करें ये खास उपाय, खुल जाएंगे धन के द्वार

देवशयनी एकादशी 2025: भूलकर भी न करें ये 7 काम, वरना नाराज़ हो सकते हैं भगवान विष्णु!

देवशयनी एकादशी 2025: भूलकर भी न करें ये 7 काम, वरना नाराज़ हो सकते हैं भगवान विष्णु!

देवशयनी एकादशी 2025: बन रहे हैं 4 शुभ योग, इन राशियों की किस्मत होगी बुलंद!

बीमारियों से नहीं मिल रहा छुटकारा? कारण हो सकता है वास्तु दोष

बीमारियों से नहीं मिल रहा छुटकारा? कारण हो सकता है वास्तु दोष

Font ResizerAa
दिव्य सुधादिव्य सुधा
  • सनातन धर्म
  • राशिफल
  • पंचांग
  • आरती/मंत्र
  • ग्रह-नक्षत्र
  • व्रत और त्योहार
  • वास्तु शास्त्र/हस्त रेखा
  • अन्य
Search
  • जानें दिव्यसुधा के बारे में!
  • विज्ञापन
  • संपर्क करें
Follow US
दिव्य सुधा > सनातन धर्म > मंदिर > जगन्नाथ रथ यात्रा के बाद क्या होता है भगवान जगन्नाथ के रथ के पहियों का?
मंदिर

जगन्नाथ रथ यात्रा के बाद क्या होता है भगवान जगन्नाथ के रथ के पहियों का?

दिव्यसुधा
Last updated: June 26, 2025 5:36 pm
दिव्यसुधा
Share
SHARE

इस वर्ष भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा 27 जून को पुरी, ओडिशा में निकाली जाएगी। यह यात्रा हर साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को होती है और इसे देखने और रथ खींचने हजारों श्रद्धालु जुटते हैं। मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ का रथ खींचने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति आती है। हर साल तीन नए रथ बनाए जाते हैं भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के लिए। रथ यात्रा के बाद इन रथों को विधिपूर्वक तोड़ दिया जाता है। उनके पहिए और लकड़ियां भक्तों को सीमित मात्रा में दान के रूप में दी जाती हैं, जिन्हें लोग घर ले जाकर पूजा या धार्मिक कार्यों में उपयोग करते हैं।

पुरी जगन्नाथ यात्रा में तीन भव्य रथों का निर्माण किया जाता है, जो भगवान जगन्नाथ, बलराम जी और देवी सुभद्रा को समर्पित होते हैं। भगवान जगन्नाथ के रथ को ‘नंदीघोष’ या ‘गरुड़ध्वज’ कहा जाता है, बलराम जी के रथ को ‘तालध्वज’ और सुभद्रा जी के रथ को ‘दर्पदलन पद्म’ कहते हैं। इन रथों की ऊंचाई, रंग और पहियों की संख्या अलग-अलग होती है, जो उन्हें विशिष्ट पहचान देती है और हर रथ का अपना धार्मिक महत्व होता है।

पुरी की रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों में पहियों की संख्या अलग-अलग होती है। भगवान जगन्नाथ के रथ ‘नंदीघोष’ में 16 पहिए होते हैं, बलभद्र के ‘तालध्वज’ रथ में 14 पहिए और सुभद्रा के ‘दर्पदलन पद्म’ रथ में 12 पहिए लगाए जाते हैं। इस प्रकार कुल 42 पहिए होते हैं, जिन्हें पारंपरिक कारीगरों द्वारा बेहद मजबूती और शुद्ध लकड़ी से तैयार किया जाता है।

जगन्नाथ पुरी यात्रा के बाद रथ के पहियों की होती है नीलामी

भगवान जगन्नाथ के रथ का एक पवित्र हिस्सा अब लोग भी अपने घर ला सकते हैं। रथ यात्रा के बाद भगवान के रथ के पहिए और कुछ हिस्सों की नीलामी की जाती है। यह नीलामी भगवान जगन्नाथ की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से होती है। रथ का पहिया सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है और इसकी शुरुआती कीमत लगभग 50,000 रुपये होती है। भक्तों को इन हिस्सों को खरीदने के लिए पहले आवेदन करना पड़ता है। मंदिर समिति यह भी सुनिश्चित करती है कि इन पवित्र वस्तुओं का किसी भी प्रकार से गलत उपयोग न हो।

नीलामी के बाद बची हुई लकड़ियों का क्या होता है

पुरी रथ यात्रा समाप्त होने के बाद रथ के पहियों की नीलामी की जाती है। इसके बाद रथ की बची हुई लकड़ियों का उपयोग मंदिर परिसर में ही होता है। कुछ लकड़ियां विशेष भक्तों को प्रसाद के रूप में दी जाती हैं, जबकि शेष लकड़ियां श्रीमंदिर की रसोई में भेज दी जाती हैं। वहां इन लकड़ियों का उपयोग भगवान के लिए महाप्रसाद बनाने में किया जाता है। रथ की पवित्र लकड़ियों से बना यह भोग अत्यंत शुभ और पुण्यदायक माना जाता है।

TAGGED:पुरी की रथ यात्राभगवान जगन्नाथभगवान जगन्नाथ रथ यात्रा 2025सनातन धर्म
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article vishnu ji श्री विष्णु जी की आरती
Next Article कोलकाता के इस रहस्यमयी मंदिर में जीवित हैं मां काली जानिए चमत्कार और अनसुने रहस्य
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
YoutubeSubscribe
- Advertisement -
Ad image

You Might Also Like

badrinath temple
मंदिर

Badrinath Temple : बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले, जानिए मंदिर का इतिहास, महत्व और रहस्य

By
दिव्यसुधा
कनिपकम गणपति मंदिर
मंदिर

कनिपकम गणपति मंदिर : तीन बातें जो इसे बनाती हैं अद्भुत

By
दिव्यसुधा
radha rani
भगवान

श्री राधा रानी

By
दिव्यसुधा
suryadev
भगवान

सूर्य देव 

By
दिव्यसुधा

दिव्यसुधा के बारे में!

दिव्य सुधा एक धार्मिक पत्रिका है जिसका उद्देश्य हिन्दू देवी-देवताओं की महिमा और सभी तीर्थ स्थलों की महत्ता, महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार, पूजन विधि एवं अन्य धार्मिक जानकारियों को साझा करना है।

Top Categories

सनातन धर्म

भगवान

मंदिर

राशिफल

पंचांग

आरती/मंत्र

गृह/नक्षत्र

व्रत और त्योहार

वास्तु शास्त्र /हस्त रेखा

अन्य

Useful Links

दिव्यसुधा के बारे में!

संपर्क करें

विज्ञापन

Contact Us
  • डजन हैंड्स मीडिया पब्लिकेशन 1/8 विवेक खंड, गोमती नगर, लखनऊ - 226010, उत्तर प्रदेश
  • Contactus@divysudha.com

Privacy policy      Terms & Conditions  
© 2025 Divysudha. All Rights Reserved.

Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?