शनि देव को न्याय और कर्म का देवता माना जाता है। वे अच्छे कर्म करने वालों को सुख देते हैं और बुरे कर्म करने वालों को सबक सिखाते हैं। गलत आचरण, कटु वाणी या दूसरों को धोखा देने वाले लोग शनि की महादशा का सामना करते हैं। शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए शनि मंत्रों का जाप करना लाभकारी होता है। एक खास मंत्र ऐसा है जिसमें श्री कृष्ण का नाम भी आता है। मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होने लगती हैं और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है। यह मंत्र व्यक्ति को शांति, संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। नियमित जप से लाभ मिलना शुरू हो जाता है।
शनि देव के इस मंत्र में छिपा है श्री कृष्ण का नाम
कर्मफल दाता शनि देव को अक्सर लोग कठोर और डरावना मानते हैं, लेकिन वे वास्तव में न्याय के देवता हैं। शनि देव अच्छे कर्म करने वालों को सुख और सफलता देते हैं, जबकि बुरे कर्म करने वालों को सिखाते हैं कि जीवन में सही राह कितनी जरूरी है। शनि का प्रभाव हमेशा नकारात्मक नहीं होता, बल्कि यह हमारे कर्मों पर आधारित होता है। यदि कोई व्यक्ति सच्चाई, मेहनत और ईमानदारी के रास्ते पर चलता है, तो शनि देव की कृपा उस पर बनी रहती है। शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए “ॐ कृष्णांगाय नमः” मंत्र का जाप करना लाभकारी माना गया है। इस मंत्र में श्री कृष्ण का नाम भी आता है, जिससे इसका प्रभाव और अधिक शुभ हो जाता है।
शनि देव कर्म और न्याय प्रधान
जिन लोगों पर शनि की दशा है, उन्हें सबसे पहले अपने कर्म सुधारने चाहिए। वे ऐसे काम न करें जो उनके कर्मों को खराब करें। हर शनिवार शनि चालीसा और हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करें। शनि देव उन लोगों को जल्दी प्रसन्न होते हैं जो केवल पूजा-पाठ नहीं करते, बल्कि अच्छे कर्म करते हैं और दूसरों की मदद करते हैं। अच्छे काम करने से शनि की कृपा बनी रहती है और जीवन में सुख-शांति आती है।