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दिव्य सुधा > वास्तु शास्त्र/हस्त रेखा > कड़ी मेहनत के बाद भी धन न बढ़ रहा हो तो अपनाएं ये वास्तु नियम
वास्तु शास्त्र/हस्त रेखा

कड़ी मेहनत के बाद भी धन न बढ़ रहा हो तो अपनाएं ये वास्तु नियम

दिव्यसुधा
Last updated: June 19, 2025 1:40 pm
दिव्यसुधा
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जीवन के हर क्षेत्र में धन का विशेष महत्व है और इसकी आवश्यकता जन्म के साथ ही शुरू हो जाती है। धन की कमी होने पर व्यक्ति मेहनत करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, धन को सुरक्षित रखने के लिए तिजोरी या अलमारी को सही दिशा में रखना चाहिए, ताकि घर में समृद्धि और सुख-शांति बनी रहे।

वास्तु शास्त्र में धन रखने के स्थान को लेकर विशेषज्ञों के बीच भिन्न-भिन्न मत हैं। कुछ वास्तुविद उत्तर दिशा को धन के देवता कुबेर की दिशा मानते हैं और तिजोरी वहीं रखने की सलाह देते हैं। वहीं, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर दिशा में भारी वस्तुएं नहीं रखनी चाहिए, इसलिए तिजोरी को दक्षिण-पश्चिम यानी नैऋत्य कोण में रखना बेहतर होता है। ऐसे में जब दो अलग-अलग मत सामने आते हैं, तो आम व्यक्ति भ्रमित हो सकता है कि किस दिशा को सही माना जाए। ज्ञानी लोगों का सुझाव है कि जब मतभेद हों, तो मध्यमार्ग अपनाना ही सबसे उचित होता है। इसका मतलब है कि घर की बनावट और स्थिति के अनुसार संतुलित निर्णय लेना चाहिए।

जब तक धन हमारे घर में नहीं आता, तब तक उस पर हमारा पूरा अधिकार नहीं होता। धन कई कारणों से खर्च हो सकता है, खो सकता है या चोरी भी हो सकती है। इसलिए कमाया हुआ धन तभी हमारी संपत्ति बनता है जब वह घर पर सुरक्षित रखा हो। धन रखने की दो जगहें होती हैं – पहली वह जगह जहां से धन कमाया जाता है, जैसे कार्यालय या दुकान, और दूसरी वह जगह जहां धन रखा जाता है, यानी घर। कार्यालय या दुकान में धन अस्थायी रूप से रहता है, लेकिन घर में धन सुरक्षित रखा जाता है। इसलिए घर में धन की सही दिशा में तिजोरी या अलमारी रखना जरूरी होता है ताकि धन की सुरक्षा और वृद्धि हो सके।

दुकान या कार्यालय में धन लेन-देन में खर्च होता रहता है, इसलिए वहां व्यक्ति का पूर्ण अधिकार नहीं होता। वहां यह पता नहीं चलता कि कुल कमाई में से कितना मुनाफा हो रहा है, क्योंकि कई खर्चे बाकी रहते हैं। जब सभी खर्चों के बाद धन घर में आता है, तभी उस पर व्यक्ति का पूरा अधिकार होता है। इसलिए धन की सुरक्षा और सही तरीके से रखना जरूरी होता है।

मध्यमार्ग का मतलब है दोनों पक्षों को ध्यान में रखकर संतुलित निर्णय लेना। धन रखने की दो जगहें होती हैं दुकान या कार्यालय, जहां धन कमाया जाता है, और घर, जहां धन रखा जाता है। दुकान में तिजोरी को उत्तर दिशा यानी कुबेर स्थान में रखना चाहिए क्योंकि वहां धन का आना-जाना होता है। वहीं घर में धन को दक्षिण-पश्चिमी कोने यानी नैऋत्य कोण में तिजोरी या अलमारी में रखना शुभ माना जाता है। इस तरह वास्तुशास्त्र में धन रखने को लेकर अलग-अलग मत हैं, इसलिए दोनों का संतुलित पालन करना अच्छा होता है।

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