प्रभु श्रीराम ने अपने जीवन में ऐसे कई फैसले लिए जो आज भी मानव जाति के लिए आदर्श माने जाते हैं। उन्होंने हर परिस्थिति में धर्म और मर्यादा का पालन किया, चाहे वह राजा के रूप में हो, पुत्र, पति या भाई के रूप में। चौदह वर्षों का वनवास हो, पिता की आज्ञा का पालन करना हो या फिर सीता माता की अग्नि परीक्षा हर निर्णय में उन्होंने मर्यादा, त्याग और कर्तव्य को सर्वोपरि रखा। यही कारण है कि उन्हें ‘मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम’ कहा जाता है। बहुत से लोगो के मन में यह सवाल आता होगा कि क्या हम भी राम दरबार की स्थापना अपने घर में कर सकते हैं। यदि हां, तो इसके लिए किन नियमों का पालन करना चाहिए और इससे क्या लाभ प्राप्त होते हैं? तो आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे इन सभी सवालों के बारे में
घर में राम दरबार स्थापित किया जा सकता है, लेकिन यह सिर्फ मूर्तियां रखने जैसा नहीं है। इसमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और उनके पूरे दरबार को सम्मान के साथ रखने की आवश्यकता होती है। इसलिए कुछ खास नियमों और आदतों का पालन करना आवश्यक होता है।
किस दिशा में होनी चाहिए राम दरबार
घर में राम दरबार स्थापित करने के लिए उत्तर, पूर्व या पश्चिम दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है। ये दिशाएं शास्त्रों में शुभ बताई गई हैं। घर में भगवान की सेवा के नियम मंदिरों से थोड़े अलग होते हैं, इसलिए राम दरबार स्थापित करते समय खास ध्यान और अनुशासन रखना जरूरी होता है।
राम दरबार की पूजा घर में कैसे करें –
सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्यकर्म के बाद स्नान जरूर करें।
राम दरबार में प्रवेश करने से पहले साफ-सुथरे और मर्यादित वस्त्रों को पहनें।
दरबार में प्रवेश करते समय तीन बार ताली बजाकर प्रभु श्रीराम को जगाएं।
गंगाजल, नर्मदा जल या किसी शुद्ध जल से भगवान का स्नान कराएं।
फूल अर्पित करें और भगवान का श्रृंगार करें।
श्रद्धा से पकवानों का भोग लगाएं और फिर आरती करें।
इस तरह की सरल पूजा से घर पर ही प्रभु श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है।
प्रभु श्रीराम के साथ-साथ हनुमान जी की भी पूजा करें।
रामचरितमानस, सुंदरकांड, या फिर हनुमान चालीसा का पाठ भी करना चाहिए।
अंत में राम दरबार की आरती करें और सभी लोगों में प्रसाद बांटें।