ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब ग्रह अनुकूल होते हैं तो व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त होते हैं। हर ग्रह का स्वभाव और उसका असर अलग होता है। ऐसे ही एक ग्रह है, जो शुभ हो तो व्यक्ति बहुत बुद्धिमान, चतुर और बोलचाल में निपुण हो जाता है। वह अपनी बातों से लोगों को आसानी से प्रभावित कर लेता है।
ज्योतिष विज्ञान में बुध ग्रह बुद्धि, वाणी, तर्क, व्यापार और बातचीत का कारक माना जाता है। नवग्रहों में इसे राजकुमार का दर्जा मिला है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध मजबूत होता है, तो वह बहुत समझदार, चतुर और तर्कशक्ति में माहिर होता है। उसे व्यापार में सफलता मिलती है और उसकी याददाश्त तेज होती है। ऐसा व्यक्ति अपनी बुद्धि से जीवन में अच्छी कामयाबी हासिल करता है।
बुध ग्रह से प्रभावित व्यक्ति बहुत हाजिर जवाब और व्यवहारिक होता है। भले ही उसकी शारीरिक शक्ति कम हो, लेकिन उसकी मानसिक ताकत बहुत ज्यादा होती है। ऐसे लोग हमेशा कुछ नया सीखने में रुचि रखते हैं और भविष्य को लेकर दूर तक सोचने की क्षमता रखते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में बुध को तटस्थ ग्रह माना गया है। यह जिस ग्रह के साथ युति करता है, उसी के अनुसार फल देता है। बुध की सूर्य और शुक्र से मित्रता होती है, जबकि मंगल और चंद्रमा इसके शत्रु माने जाते हैं। गुरु ग्रह के साथ इसकी सम स्थिति होती है।
बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी होता है। यह कन्या में उच्च का और मीन राशि में नीच का माना जाता है। बुधवार का दिन बुध ग्रह को समर्पित है। अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र बुध के अधीन आते हैं। यह ग्रह बुद्धि, तर्क और संवाद क्षमता का प्रतीक माना जाता है।
कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। इस दिन हरे रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। बुध को मजबूत करने के लिए पन्ना रत्न धारण किया जा सकता है, लेकिन इसे किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह से ही पहनना चाहिए। इसके अलावा, बुधवार को किसी महिला को हरे वस्त्र या हरी चूड़ियां दान करने से भी बुध ग्रह की स्थिति बेहतर होती है।