Sunday, 8 Jun 2025
  • दिव्यसुधा के बारे में!
  • विज्ञापन
  • संपर्क करें
Subscribe
दिव्य सुधा
  • सनातन धर्म
    • भगवान
    • मंदिर
  • राशिफल
  • पंचांग
  • आरती/मंत्र
  • ग्रह-नक्षत्र
  • व्रत और त्योहार
  • वास्तु शास्त्र/हस्त रेखा
  • अन्य
ट्रेंडिंग
सोमवार के दिन करें ये आसान उपाय, दूर होगी आर्थिक तंगी

सोमवार के दिन करें ये आसान उपाय, दूर होगी आर्थिक तंगी

ऑफिस डेस्क पर करें ये वास्तु उपाय, मिलेगा प्रोमोशन और बढ़ेगा प्रभाव

ऑफिस डेस्क पर करें ये वास्तु उपाय, मिलेगा प्रोमोशन और बढ़ेगा प्रभाव

08 जून 2025 पंचांग : जानिए व्रत- त्यौहार और नक्षत्र

08 जून 2025 पंचांग : जानिए व्रत- त्यौहार और नक्षत्र

5 जून 2025 राशिफल : जानिए प्रदोष व्रत के अवसर पर आपका दिन कैसा रहेगा

5 जून 2025 राशिफल : जानिए प्रदोष व्रत के अवसर पर आपका दिन कैसा रहेगा

शनिवार रात करें ये आसान उपाय, पाएं शनिदेव की कृपा

शनिवार रात करें ये आसान उपाय, पाएं शनिदेव की कृपा

कमजोर ग्रह देते हैं जीवन में संकेत, बदल जाती हैं आदतें

कमजोर ग्रह देते हैं जीवन में संकेत, बदल जाती हैं आदतें

इन 5 राशियों के बदलेगा भाग्य, करियर में मिलेगी बड़ी सफलता

इन 5 राशियों के बदलेगा भाग्य, करियर में मिलेगी बड़ी सफलता

आरती: श्री शनिदेव जी की

आरती: श्री शनिदेव जी की

07 जून 2025 पंचांग : जानिए आज का शुभ मुहूर्त, नक्षत्र और सर्वार्थसिद्धि योग

07 जून 2025 पंचांग : जानिए आज का शुभ मुहूर्त, नक्षत्र और सर्वार्थसिद्धि योग

आज का राशिफल : 7 जून मेष से लेकर मीन तक कैसा रहेगा आपका दिन

आज का राशिफल : 7 जून मेष से लेकर मीन तक कैसा रहेगा आपका दिन

Font ResizerAa
दिव्य सुधादिव्य सुधा
  • सनातन धर्म
  • राशिफल
  • पंचांग
  • आरती/मंत्र
  • ग्रह-नक्षत्र
  • व्रत और त्योहार
  • वास्तु शास्त्र/हस्त रेखा
  • अन्य
Search
  • जानें दिव्यसुधा के बारे में!
  • विज्ञापन
  • संपर्क करें
Follow US
दिव्य सुधा > सनातन धर्म > भगवान > भगवान राम को किसने दिया उनका नाम
भगवान

भगवान राम को किसने दिया उनका नाम

दिव्यसुधा
Last updated: May 17, 2025 9:49 am
दिव्यसुधा
Share
bhgwan ram
SHARE

Written by : Ekta Mishra

रामायण की कहानियाँ बचपन से ही हमें सुनाई जाती हैं, क्योंकि इनमें भगवान राम का आदर्श जीवन बताया गया है। भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने हमेशा सत्य, धर्म, करुणा, दया और मर्यादा का पालन किया। उनका स्वभाव बचपन से ही शांत और विनम्र था। जीवन में अनेक कठिनाइयाँ आने के बावजूद उन्होंने कभी अपने सिद्धांतों को नहीं छोड़ा। 14 वर्षों के वनवास में भी उन्होंने संयम और धैर्य बनाए रखा और धर्म के मार्ग पर चलते रहे। उन्होंने अपने माता-पिता, गुरु, पत्नी और प्रजा के प्रति हमेशा आदर और प्रेम दिखाया। उनके हर कार्य में नैतिकता और जिम्मेदारी झलकती थी। यही कारण है कि आज भी लोग उनके गुणों को अपनाने की प्रेरणा लेते हैं। श्रीराम का जीवन हमें सिखाता है कि चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों, हमें हमेशा सत्य और धर्म के मार्ग पर ही चलना चाहिए।

वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में प्रभु श्रीराम के जीवन के सभी पहलुओं का सुंदर वर्णन मिलता है। वे एक आदर्श पुत्र, भाई, पति और राजा के रूप में पूजनीय हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भगवान राम को “राम” नाम किसने दिया? मान्यता है कि यह नाम प्रसिद्ध ऋषि वशिष्ठ ने रखा था, जो राजा दशरथ के कुलगुरु थे। जब अयोध्या में पुत्र जन्म की खुशी हुई, तो उन्होंने चारों राजकुमारों के नाम रखे, जिनमें राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न शामिल थे। “राम” नाम का अर्थ होता है—जो हृदय में रम जाए—और यह नाम उनके चरित्र को दर्शाता है।

ऐसे रखा गया भगवान राम का नाम

भगवान राम को “राम” नाम रघुकुल के गुरु महर्षि वशिष्ठ ने दिया था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जन्म के समय उनका नाम दशरथ राघव रखा गया था। “राम” भगवान विष्णु का 394वां नाम माना जाता है। महर्षि वशिष्ठ के अनुसार, “राम” नाम दो बीजों—अग्नि बीज और अमृत बीज—से मिलकर बना है, जो मन को शक्ति और शांति प्रदान करता है। यही कारण है कि इस नाम का जाप आत्मिक बल बढ़ाता है। महर्षि वशिष्ठ ने ही भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के नाम भी रखे थे। ये सभी नाम भी उनके गुणों और चरित्र के अनुसार रखे गए थे।

श्रीराम के जीवन से सीखें ये बातें

धैर्य और साहस

भगवान राम ने अपने जीवन में धैर्य और साहस का परिचय दिया। उन्होंने सिखाया कि मुश्किल समय में भी हमें शांत और संयमित रहना चाहिए। चाहे कोई भी परिस्थिति हो, उन्होंने कभी अपने आदर्शों और मर्यादा को नहीं छोड़ा। उनके जीवन से हमें यह सीख मिलती है कि धैर्य और संयम से ही हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।

एक वचन

भगवान राम अपने वचन का पालन करने के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने हर परिस्थिति में अपने वचन और कर्तव्य को निभाया। इसी से हमें यह सीख मिलती है कि इंसान को हमेशा अपने वचनों की कद्र करनी चाहिए। जब हम अपने वचन का सम्मान करते हैं, तो हम भगवान राम जैसे गुणों को अपने जीवन में ला सकते हैं।

मित्रता

प्रभु श्री राम ने जीवन में हर वर्ग और उम्र के लोगों से सच्ची मित्रता निभाई। उन्होंने निषादराज जैसे सामान्य वर्ग के व्यक्ति से भी गहरी दोस्ती की, जो आज भी एक मिसाल है। उनकी यह समानता और स्नेहभाव हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

सेवा भाव

भगवान राम ने वनवास के समय वनवासियों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास किया। उन्होंने सभी से प्रेम और सम्मान से व्यवहार किया। हमें भी उनसे प्रेरणा लेकर जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए और समाज में सेवा भाव को अपनाना चाहिए। यही सच्ची भक्ति और मानवता है।

TAGGED:baalmikihumare bhgwanramसंतोंसनातन धर्म
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article दीपक जलाने के शाम को दीपक जलाने के 5 जरूरी नियम
Next Article शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का असर होगा खत्म: मई में इस दिन करें ये उपाय
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
YoutubeSubscribe
- Advertisement -
Ad image

You Might Also Like

व्रत और त्योहार

शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का असर होगा खत्म: मई में इस दिन करें ये उपाय

By
दिव्यसुधा
भगवान जगन्नाथ मंदिर
मंदिर

History of Lord Jagannath: एक मंदिर जो बताता है आने वाले कल के बारे में।

By
दिव्यसुधा
shree ram hanuman
अन्य

हनुमान जी ने श्री राम की सौगंध खाकर, उनसे से युद्ध क्यों किया

By
दिव्यसुधा
skand mata
व्रत और त्योहार

नवरात्रि विशेष…..नवरात्रि के पांचवे दिन करे स्कंदमाता व्रत कथा

By
दिव्यसुधा

दिव्यसुधा के बारे में!

दिव्य सुधा एक धार्मिक पत्रिका है जिसका उद्देश्य हिन्दू देवी-देवताओं की महिमा और सभी तीर्थ स्थलों की महत्ता, महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार, पूजन विधि एवं अन्य धार्मिक जानकारियों को साझा करना है।

Top Categories

सनातन धर्म

भगवान

मंदिर

राशिफल

पंचांग

आरती/मंत्र

गृह/नक्षत्र

व्रत और त्योहार

वास्तु शास्त्र /हस्त रेखा

अन्य

Useful Links

दिव्यसुधा के बारे में!

संपर्क करें

विज्ञापन

Contact Us
  • डजन हैंड्स मीडिया पब्लिकेशन 1/8 विवेक खंड, गोमती नगर, लखनऊ - 226010, उत्तर प्रदेश
  • Contactus@divysudha.com

Privacy policy      Terms & Conditions  
© 2025 Divysudha. All Rights Reserved.

Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?