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दिव्य सुधा > व्रत और त्योहार > आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी कब है? जानिए शुभ मुहूर्त और इसका धार्मिक महत्व
व्रत और त्योहार

आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी कब है? जानिए शुभ मुहूर्त और इसका धार्मिक महत्व

दिव्यसुधा
Last updated: June 28, 2025 11:19 am
दिव्यसुधा
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सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की विशेष पूजा का महत्व है। इस दिन भक्त गणपति बप्पा की कृपा पाने के लिए व्रत रखते हैं। माना जाता है कि चतुर्थी व्रत से काम में सफलता मिलती है और जीवन में सुख-सौभाग्य बढ़ता है। हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि से एक दिन पहले चतुर्थी आती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से आर्थिक परेशानियाँ दूर होती हैं और घर में सुख-शांति आती है। आषाढ़ महीने की विनायक चतुर्थी को भी लोग विशेष रूप से मनाते हैं। भक्त गणेश जी की पूजा, व्रत और भक्ति के माध्यम से उनकी कृपा पाने का प्रयास करते हैं। आइए जानते हैं इसकी सही तिथि और शुभ मुहूर्त।

 शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 28 जून 2024 को सुबह 9 बजकर 53 मिनट पर प्रारंभ होगी और 29 जून को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, विनायक चतुर्थी का पर्व 28 जून को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्री गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता आती है। भक्त इस दिन उपवास रखते हैं, गणेश जी को प्रिय भोग चढ़ाते हैं और आरती व मंत्र जाप के साथ उनकी आराधना करते हैं।

विनायक चतुर्थी के दिन शुभ योग

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी इस वर्ष बेहद खास रहने वाली है, क्योंकि इस दिन दुर्लभ हर्षण योग और रवि योग का शुभ संयोग बन रहा है। हर्षण योग 28 जून को शाम 7 बजकर 15 मिनट तक रहेगा, जबकि रवि योग सुबह 6 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 29 जून को सुबह 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इन दोनों योगों में भगवान गणेश की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इन शुभ योगों में स्नान-ध्यान कर विधिपूर्वक गणेश पूजन करने से आरोग्य जीवन, सौभाग्य, और मनोरथ सिद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह समय आध्यात्मिक साधना और व्रत के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

TAGGED:shubh muhurtvinayak chturthiभगवान गणेशसनातन धर्म
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