ज्योतिष में शनिदेव को कर्मों का अधिकारी, दंड देने वाले और न्याय करने वाले देवता माना जाते है। वे हर व्यक्ति को उसके किए हुए अच्छे या बुरे कर्मों का फल जरूर देते हैं। एक श्लोक में कहा गया है
“यादृशं कुरुते कर्म तादृशं फलमाप्नुयात्।
अवश्यमेव भोक्तव्यं कृतं कर्म शुभाशुभम्॥”
इसका मतलब है – इंसान जैसे कर्म करता है, उसे वैसा ही फल मिलता है। अच्छे कामों का अच्छा फल और बुरे कामों का बुरा फल जरूर मिलता है। जब कोई गलत काम करता है और उसका हिसाब शनिदेव करते हैं, तो वह व्यक्ति पछताता है लेकिन कुछ कर नहीं पाता। इसी कारण, जब शनि की दशा, साढ़े साती, पनौती या ढैय्या चलती है, तो कुछ लोगों को बहुत दुख झेलने पड़ते हैं, जबकि कुछ को बड़ी सफलता मिलती है। ये फर्क उनके कर्मों की वजह से होता है।
अनजाने में किये गए गलतियों का मांगे क्षमा
अगर आपसे जाने-अनजाने में कोई गलती हो गई हो, तो शनिदेव से माफी मांगें। यदि पिछले जन्म में कोई पाप हुआ हो, तो उसका प्रायश्चित करें। अगर इस जन्म में शनि की वजह से कोई परेशानी हो रही है, तो शनिदेव को खुश करने के लिए कुछ आसान उपाय जरूर करें। कहा जाता है कि जब शनिदेव प्रसन्न होते हैं, तो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आ जाती है।
शनिवार की रात करें ये आसान उपाय
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार की रात कुछ खास उपाय किए जा सकते हैं। इन उपायों से शनिदेव खुश होते हैं और जीवन की परेशानियां दूर करके सुख और समृद्धि देते हैं। आइए जानते हैं शनिवार की रात क्या करना चाहिए और उससे क्या लाभ होता है।
सरसों के तेल का दीपक जलाएं
शनिवार की रात पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और पिछले जन्म में किये पापों का असर कम होता है। घर में सुख और शांति आने लगती है।
उड़द और काले तिल दान करें
शनिवार की रात काले तिल या उड़द की दाल किसी गरीब या ब्राह्मण को दान करें। इससे शनि से जुड़ी परेशानियां कम होती हैं। इसके साथ ही, आप लोहे का दान भी कर सकते हैं। इन उपायों से शनिदेव की कृपा मिलती है।
शनि चालीसा और हनुमान चालीसा का करें पाठ
शनिवार के दिन शनि चालीसा और हनुमान चालीसा पढ़ने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। जो लोग हनुमान जी की भक्ति करते हैं, उन पर शनि की साढ़ेसाती और महादशा का असर कम होता है।