हिंदू धर्म में गंगा दशहरा बहुत पवित्र पर्व माना जाता है। माना जाता है कि ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं, ताकि लोगों के पापों का नाश हो और उन्हें मोक्ष मिल सके। गंगा दशहरा के मौके पर अगर आप गरीबों और जरूरतमंदों को कुछ जरूरी चीजें दान करते हैं, तो इसका फल बहुत बड़ा होता है। कहा जाता है कि गंगा दशहरा पर किया गया दान कई गुना पुण्य देता है और जीवन में खुशहाली लाता है। इस दिन का दान न सिर्फ आपके पापों को मिटाता है, बल्कि मां गंगा की कृपा से आपकी किस्मत भी बदल सकती है। इसलिए गंगा दशहरा पर कुछ अच्छे कार्य करें और दूसरों की मदद करके पुण्य कमाएं।
जल से भरे घड़े का करें दान
गर्मियों में जब कोई राहगीर या गरीब प्यासा होता है, तो ठंडा पानी उसे अमृत सामान लगता है। गंगा जल को जीवन देने वाला माना गया है, इसलिए उसके प्रतीक के रूप में मटका दान करना बहुत पुण्यदायक माना जाता है। गंगा दशहरा के दिन आप मिट्टी या तांबे का मटका पानी से भरकर किसी मंदिर, धर्मशाला, चौपाल या जरूरतमंद को दान करें। अगर चाहें तो उसमें तुलसी का पत्ता, इलायची या मिसरी भी डाल सकते हैं, जिससे पानी और पवित्र और शीतल हो जाता है। ऐसा मटका दान करने से आयु, संतान, धन और पुण्य में वृद्धि होती है और मां गंगा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
शरबत और मौसमी फल का करें दान
गर्मी के मौसम में शरीर की तपन से बचाने वाले पदार्थ, जैसे बेल का शरबत, नींबू पानी, ठंडाई, खरबूजा, तरबूज, आम और खांड बहुत फायदेमंद होते हैं। ये न सिर्फ शरीर को ठंडक देते हैं, बल्कि मन को भी शांत और प्रसन्न रखते हैं। गंगा दशहरा के दिन आप इन चीजों का दान करके बड़ा पुण्य कमा सकते हैं। राहगीरों या मजदूरों के लिए शरबत बनवाकर बाँटना एक बहुत अच्छा कार्य है। आप मौसमी फलों के पैकेट बनाकर अनाथालय, वृद्धाश्रम या गरीब बस्तियों में भी बाँट सकते हैं। यह दान पारिवारिक सुख और स्वास्थ्य में भी लाभदायक माना गया है।
सफेद वस्त्रों का दान
गंगा मां को सफेद वस्त्रों में दर्शाया जाता है, क्योंकि वे पवित्रता, शांति और करुणा की देवी हैं। इसलिए गंगा दशहरा पर सफेद कपड़ों का दान बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन आप सफेद धोती, साड़ी, कुर्ता-पायजामा, अंगोछा या रुमाल का दान कर सकते हैं। यह दान खासकर ब्राह्मणों, साधुओं, वृद्धजनों, जरूरतमंदों या अनाथों को करना चाहिए। सफेद वस्त्रों का दान करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है, मन को शांति मिलती है और आत्मा को संतुलन मिलता है। साथ ही, यह पितृ दोष को दूर करने और पारिवारिक शांति लाने में भी मदद करता है।
सात धान्य और तिल का दान
शास्त्रों में बताया गया है अन्नदान सबसे बड़ा दान होता है। गंगा दशहरा के दिन अनाज का दान करना बहुत पुण्यदायक माना जाता है। इस दिन आप सात तरह के अनाज जैसे चावल, गेहूं, मूंग, उड़द, मसूर, जौ और बाजरा का दान करें। साथ ही तिल का दान भी बहुत शुभ माना गया है। कहा जाता है कि इससे 10 प्रकार के पापों का नाश होता है। यह दान गरीबों, ब्राह्मणों, विधवाओं और भूखे बच्चों को करना सबसे उत्तम होता है। इससे जीवन में अन्न, धन, अच्छा स्वास्थ्य और संतोष मिलता है। तिल का दान खासतौर पर पापों की शुद्धि और पितृदोष को दूर करने में मदद करता है। यह दान आपको महापुण्य की प्राप्ति करवाता है।