विक्रम संवत् – 2082, कालायुक्त, शक संवत् – 1947, विश्ववसु , पूर्णिमांत – ज्येष्ठा, अमान्त माह – ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि- 31 मई 08:15 अपराह्न – जून 01 07:59 अपराह्न, शुक्ल पक्ष सप्तमी – जून 01 07:59 अपराह्न – जून 02 08:35 अपराह्न
नक्षत्र
अश्लेषा – 31 मई 09:07 अपराह्न – जून 01 09:36 अपराह्न
माघ – 01 जून 09:36 अपराह्न – 02 जून 10:55 अपराह्न
करण
कौलव – 31 मई 08:15 अपराह्न – 01 जून 08:01 पूर्वाह्न
तैतिला – 01 जून 08:01 पूर्वाह्न – 01 जून 08:00 अपराह्न
गरिजा – जून 01 08:00 अपराह्न – जून 02 08:11 पूर्वाह्न
योग
ध्रुव – 31 मई 10:43 पूर्वाह्न – 01 जून 09:11 पूर्वाह्न
व्याघात – जून 01 09:11 पूर्वाह्न – जून 02 08:20 पूर्वाह्न
त्यौहार और व्रत
स्कंद षष्ठी व्रत
सूर्य एवं चंद्रमा का समय
सूर्योदय – 5 बजकर 44 मिनट
सूर्यास्त – सायं 7 बजकर 04 मिनट
अशुभ काल
राहु – शाम 5:24 – शाम 7:04 बजे
यमगांडा – 12:24 अपराह्न – 2:04 अपराह्न
गुलिका – दोपहर 3:44 बजे – शाम 5:24 बजे
दुर्मुहूर्त – शाम 05:17 बजे से शाम 06:11 बजे तक
वर्ज्यम – 10:10 पूर्वाह्न – 11:48 पूर्वाह्न
शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त – 11:58 पूर्वाह्न – 12:51 अपराह्न
अमृत काल – 07:57 PM – 09:35 PM
ब्रह्म मुहूर्त – प्रातः 04:08 – प्रातः 04:56 तक
सूर्य राशि
सूर्य वृषभ राशि में और चन्द्र राशि सिंह राशि में प्रवेश करने से पहले चंद्रमा 01 जून, 09:36 बजे तक कर्क राशि से होकर गुजरेगा।
गण्डमूल नक्षत्र
- 31 मई 09:07 अपराह्न – 1 जून 09:36 अपराह्न (अश्लेषा)
- 01 जून 09:36 अपराह्न – 2 जून 10:55 अपराह्न (माघा)
आज का उपाय : सूर्य को जल अर्पित करते समय, ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें।

( ज्योतिषाचार्य प्रतीक त्रिपाठी )