प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन शिव परिवार की पूजा-आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस व्रत को करने से विवाहित महिलाओं के सौभाग्य में वृद्धि होती है, वही अविवाहित कन्याओं को उत्तम वर प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। इस बार की चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि पर विशेष संयोग बन रहे हैं। आइए जानते हैं कि चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि किस दिन मनाई जाएगी।
चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि?
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 27 मार्च गुरुवार को रात 11 बजकर 3 मिनट से प्रारंभ होकर 28 मार्च, शुक्रवार को शाम 7 बजकर 55 मिनट तक रहेगी। इस दिन निशिता काल में पूजन का विशेष महत्व होने के कारण मासिक शिवरात्रि का पर्व 27 मार्च, गुरुवार को मनाया जाएगा।
मासिक शिवरात्रि का महत्व
मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की उपासना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। शिव जी की कृपा से कष्टों, रोगों और दोषों का निवारण होता है। विशेष रूप से रात्रि के समय शिव मंत्रों का जाप करने से आध्यात्मिक लाभ मिलता है। साथ ही रुद्राभिषेक कराने से भी शुभ फल की प्राप्ति होती हैं।
शुभ योग
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार मासिक शिवरात्रि पर दो शुभ योग बन रहे हैं। सुबह 9:25 बजे तक साध्य योग रहेगा, जिसे सफलता व सिद्धि दिलाने वाला माना जाता है। इसके बाद शुभ योग प्रारंभ होगा, जो अगले दिन 28 मार्च को सुबह 5:57 बजे तक प्रभावी रहेगा। इसके अलावा दिनभर शतभिषा नक्षत्र रहेगा, जो 12:34 बजे समाप्त होगा और इसके बाद पूर्व भाद्रपद नक्षत्र का प्रभाव शुरू होगा।
मासिक शिवरात्रि व्रत के लाभ
मान्यता है कि शिव मंत्रों का जाप शिवालय या घर के पूर्व भाग में बैठकर करने से अधिक फल प्राप्त होता है. मासिक शिवरात्रि की पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराकर स्वयं भोजन करना चाहिए. मासिक शिवरात्रि का व्रत जो भी भक्त पूरे श्रद्धाभाव से करता है, उसके माता-पिता के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. साथ ही स्वयं के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और उस व्यक्ति जीवन को जीवन के सारे सुख प्राप्त होते हैं. इस व्रत की महिमा से व्यक्ति दीर्घायु, ऐश्वर्य, आरोग्य और संतान आदि प्राप्त करता है. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.