सनातन धर्म

सनातन धर्म

सनातन धर्म, भारत में उत्पन्न एक धर्म है जिसे हिन्दू धर्म या वैदिक धर्म भी कहा जाता है. सनातन शब्द का मतलब है- शाश्वत या सदा बना रहने वाला. सनातन धर्म को दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक माना जाता है. 

गीता में भी सनातन धर्म का वर्णन मिलता है। श्री कृष्ण कहते हैं

अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च |

नित्य: सर्वगत: स्थाणुरचलोऽयं सनातन: ||

अर्थात- हे अर्जुन! जो छेदा नहीं जाता। जलाया नहीं जाता। जो सूखता नहीं। जो गीला नहीं होता। जो स्थान नहीं बदलता। ऐसे रहस्यमय व सात्विक गुण तो केवल परमात्मा में ही होते हैं। जो सत्ता इन दैवीय गुणों से परिपूर्ण हो। वही सनातन कहलाने के योग्य है। इस श्लोक के माध्यम से भगवान कृष्ण कहते हैं कि जो न तो कभी नया रहा। न ही कभी पुराना होगा। न ही इसकी शुरुआत है। न ही इसका अंत है। अर्थात ईश्वर को ही सनातन कहा गया है। श्रीमद्भगवद्गीता में परमात्मा को सनातन तो माना गया है। साथ ही जीवात्मा को भी सनातन धर्म के रूप में स्वीकार किया गया है । अर्थात् कहने का तात्पर्य यह है कि सनातन धर्म में सभी चीजें सनातन हैं और यह अनादिकाल से हैं।

सनातन धर्म के बारे में कुछ खास बातें:

सनातन धर्म में ॐ को प्रतीक चिह्न माना जाता है. 

सनातन धर्म में शिव-शक्ति, ब्रह्म और विष्णु को समान माना जाता है. 

सनातन धर्म में सत्य, अहिंसा, दया, क्षमा, दान, जप, तप, यम-नियम जैसे मूल तत्व हैं. 

सनातन धर्म में ईश्वर, आत्मा, और मोक्ष को तत्व और ध्यान से जानने का मार्ग बताया गया है. 

सनातन धर्म में अहं ब्रह्मास्मि (मैं ही ब्रह्म हूं) और तत्वमसि (तुम ही ब्रह्म हो) जैसे सिद्धांत हैं. 

सनातन धर्म में जीवात्मा की शाश्वत और आंतरिक प्रवृत्ति सेवा करना है. 

सनातन धर्म में सदा सत्य बोलना, क्षमाभाव रखना, शौच, और भरण-पोषण के योग्य लोगों का पालन करना जैसे सिद्धांत हैं. ‘सनातन’ का शाब्दिक अर्थ है – शाश्वत या ‘सदा बना रहने वाला’, यानी जिसका न आदि है न अन्त। सनातन धर्म जिसे हिन्दू धर्म अथवा वैदिक धर्म के नाम से भी जाना जाता है। इसे दुनिया के सबसे प्राचीनतम धर्म के रूप में भी जाना जाता है। भारत की सिंधु घाटी सभ्यता में हिन्दू धर्म के कई चिह्न मिलते हैं। यह धर्म, ज्ञात रूप से लगभग 12000 वर्ष पुराना है जबकि कुछ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म 90 हजार वर्ष पुराना है।