धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव जल्द ही प्रसन्न होने वाले देवता हैं और वे अपने भक्तों से जल्द ही प्रसन्न हो भी जाते हैं. साथ ही, उन्हें मनचाहा फल भी देते हैं. लेकिन यह भी सच है की शिव जल्दी क्रोधित भी हो जाते हैं. भगवान शिव के तांडव को कौन नहीं जानता। यदि वो जल्दी खुश होते है तो नाराज भी जल्दी ही होते है इसलिए आप ऐसा कुछ भी न करें जिससे शिवजी आपसे रुष्ट हो जाये। शिव जी को क्या पसंद है यह तो हम सभी को पता है और वही चीज़े हम शिव जी को अर्पित भी करते है लेकिन क्या आपको पता है शिव जी को क्या नहीं अर्पित करना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि कौन से वो चीजें हैं, जो शिव जी को नहीं पसंद हैं.
हल्दी
हल्दी को हिन्दू धर्म में बहुत ही शुभ माना गया है परन्तु शिवजी की पूजा में हल्दी नहीं चढ़ाई जाती, क्योंकि शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक है और हल्दी को स्त्री तत्व से संबंधित माना गया है. शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाने से शिव जी नाराज हो सकते हैं.

कुमकुम या रोली
शिव जी को कुमकुम और रोली नहीं अर्पित की जाती है, क्योंकि ये दोनों ही चीजें सौभाग्य के प्रतीक के रूप में जानी जाती हैं और वहीं शिवजी को वैराग्य का प्रतीक है. इसलिए शिव को ये दोनों चीजें नहीं चढ़ाई जाती है.

फूल
शिव जी को केवल कनेर और कमल के फूल ही प्रिय है शिव को केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाने के लिए निषेध माना गया है. क्योंकि शिव पुराण के अनुसार, केतकी ने ब्रह्मा जी के पक्ष में झूठ बोला था. इसलिए शिव जी ने क्रोधित होकर केतकी को शाप दिया था कि उसे उनकी पूजा में कभी नहीं चढ़ाया जाएगा.

शंख
शिव पूजा में शंख बजाना वर्जित है, क्योंकि शंख की उत्पत्ति शंखचूड़ नाम के असुर के वध से हुई थी, जिसका वध शिवजी ने किया था. शास्त्रों के अनुसार, शंख को भगवान विष्णु का प्रमुख शस्त्र माना जाता है और यह सुख-समृद्धि का प्रतीक है. इसलिए, शिवजी की पूजा में शंख बजाने से बचें, क्योंकि यह शिवजी द्वारा मारे गए असुर से जुड़ा हुआ है.

नारियल पानी
नारियल पानी से कभी भी भगवान शिव का अभिषेक नहीं करना चाहिए.

तुलसी
तुलसी का पत्ता भी भगवान शिव को नहीं अर्पित करना चाहिए. क्योंकि तुलसी का पूर्व जन्म वृंदा था, जो राक्षस राजा जालंधर की पत्नी थी और शिव जी ने जालंधर का वध किया था। वृंदा ने शिव को श्राप दिया था कि उनकी पूजा में तुलसी का उपयोग नहीं किया जाएगा.
