Sunday, 15 Jun 2025
  • दिव्यसुधा के बारे में!
  • विज्ञापन
  • संपर्क करें
Subscribe
दिव्य सुधा
  • सनातन धर्म
    • भगवान
    • मंदिर
  • राशिफल
  • पंचांग
  • आरती/मंत्र
  • ग्रह-नक्षत्र
  • व्रत और त्योहार
  • वास्तु शास्त्र/हस्त रेखा
  • अन्य
ट्रेंडिंग
शमी और केले के पेड़: इन गलतियों से बचें, नहीं तो होगा नुकसान

शमी और केले के पेड़: इन गलतियों से बचें, नहीं तो होगा नुकसान

जानिए, आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला लाफिंग बुद्धा का सही रूप कौन सा है

जानिए, आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला लाफिंग बुद्धा का सही रूप कौन सा है

कैंची धाम का प्रतिष्ठा दिवस: जहां भक्ति और चमत्कार मिलते हैं एक साथ

कैंची धाम का प्रतिष्ठा दिवस: जहां भक्ति और चमत्कार मिलते हैं एक साथ

नाम जप में क्यों भटकता है मन और पाप की ओर क्यों आकर्षित होता है?

नाम जप में क्यों भटकता है मन और पाप की ओर क्यों आकर्षित होता है?

रविवार के दिन करें ये उपाय, मिलेंगे कई लाभ

रविवार के दिन करें ये उपाय, मिलेंगे कई लाभ

मार्तंड सूर्य मंदिर: कश्मीर की प्राचीन कला, आस्था और वास्तुकला का गौरव

मार्तंड सूर्य मंदिर: कश्मीर की प्राचीन कला, आस्था और वास्तुकला का गौरव

पैर छूने की असली वजह क्या है? जानिए शास्त्रों की राय

पैर छूने की असली वजह क्या है? जानिए शास्त्रों की राय

14 जून की गणेश चतुर्थी पर दुर्लभ ब्रह्म संयोग: बदल सकती है आपकी किस्मत

14 जून की गणेश चतुर्थी पर दुर्लभ ब्रह्म संयोग: बदल सकती है आपकी किस्मत

पूजन कक्ष में पूर्वजों के चित्र नहीं लगाने का कारण और सही दिशा

पूजन कक्ष में पूर्वजों के चित्र नहीं लगाने का कारण और सही दिशा

शनिवार लौंग उपाय: दूर होंगी परेशानियां, शनि देव होंगे प्रसन्न

शनिवार लौंग उपाय: दूर होंगी परेशानियां, शनि देव होंगे प्रसन्न

Font ResizerAa
दिव्य सुधादिव्य सुधा
  • सनातन धर्म
  • राशिफल
  • पंचांग
  • आरती/मंत्र
  • ग्रह-नक्षत्र
  • व्रत और त्योहार
  • वास्तु शास्त्र/हस्त रेखा
  • अन्य
Search
  • जानें दिव्यसुधा के बारे में!
  • विज्ञापन
  • संपर्क करें
Follow US
दिव्य सुधा > अन्य > विष्णु जी के अवतार होकर भी क्यों नहीं होती भगवान परशुराम की पूजा? जानिए कारण
अन्य

विष्णु जी के अवतार होकर भी क्यों नहीं होती भगवान परशुराम की पूजा? जानिए कारण

दिव्यसुधा
Last updated: April 29, 2025 4:05 pm
दिव्यसुधा
Share
parshuram
SHARE

भगवान विष्णु ने धरती की रक्षा के लिए दस अवतार लिए थे। भगवान राम और भगवान कृष्ण के अवतार के बारे में तो लगभग सभी लोग जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि भगवान विष्णु ने भगवान परशुराम के रूप में भी अवतार लिया था। भगवान परशुराम को भक्ति और वीरता का प्रतीक माना जाता है। वे भगवान शिव के परम भक्त थे और भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं। हर साल वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाती है। अगर देखा जाए तो विष्णु जी के बाकी अवतारों की पूजा धूमधाम से होती है, लेकिन भगवान परशुराम की पूजा उतनी व्यापक नहीं है। आइए जानें कि आखिर भगवान विष्णु का अवतार होने के बाद भी भगवान परशुराम की पूजा बड़े स्तर पर क्यों नहीं होती।

कौन थे भगवान परशुराम

शास्त्रों के अनुसार, भगवान परशुराम ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के पुत्र थे। उनका जन्म प्रदोष काल में हुआ था और जन्म के समय उनका नाम राम रखा गया। बाद में जब उन्होंने भगवान शिव की घोर भक्ति की और उन्हें प्रसन्न किया, तो भगवान शिव ने उन्हें परशु (कुल्हाड़ी) नाम का दिव्य अस्त्र प्रदान किया। तभी से उनका नाम परशुराम पड़ा। ऐसा माना जाता है कि महाभारत काल में भीष्म पितामह और द्रोणाचार्य ने भगवान परशुराम से ही शस्त्र-विद्या सीखी थी। बाद में कर्ण ने भी उन्हें अपना गुरु बनाया। परशुराम जी ने भगवान शिव के साथ-साथ ऋषि विश्वामित्र और ऋषि ऋचीक से भी शिक्षा प्राप्त की थी। मान्यता है कि भगवान परशुराम अमर और चिरंजीवी हैं, यानी उनकी मृत्यु नहीं हो सकती। उन्होंने जब अपने अवतार का उद्देश्य पूरा कर लिया, तो स्वेच्छा से संसार का त्याग कर दिया।

कब है परशुराम जयंती

इस साल यानी 2025 में परशुराम जयंती 29 अप्रैल को मनाई जा रही है.भगवान शिव के परम भक्त कहे जाने वाले परशुराम जी के लिए इस दिन शोभा यात्राएं निकाली जाएंगी. इस मौके पर जगह जगह हवन और भंडारे होते हैं. कहा जाता है कि शक्ति और वीरता के वरदान के लिए भगवान परशुराम की पूजा का आह्वान किया जाता है. भगवान परशुराम ने योग और ध्यान के जरिए कई सिद्धियां प्राप्त की थी, इसलिए उनका आह्वान करके साहस और बल की कामना की जाती है.

क्यों नहीं होती है भगवान परशुराम की पूजा

आपने शायद ही देश में कहीं भगवान परशुराम का मंदिर देखा होगा। हमारे देश में जहां हर जगह देवी-देवताओं के मंदिर मिलते हैं, वहीं भगवान परशुराम की पूजा बहुत कम होती है। इसके पीछे एक खास कथा जुड़ी है। कहा जाता है कि ब्राह्मण कुल में जन्म लेने के बावजूद भगवान परशुराम का स्वभाव क्षत्रियों जैसा था। वे बहुत साहसी थे लेकिन उनका गुस्सा भी बहुत तेज था। अपने क्रोध में उन्होंने 21 बार धरती को क्षत्रियों से खाली कर दिया था। यहां तक कि भगवान गणेश भी उनके गुस्से का शिकार हो गए थे। उनके इस उग्र स्वभाव के कारण आम लोग उनकी पूजा नहीं करते। माना जाता है कि उनकी शक्ति और उग्रता को संभालना आसान नहीं है, खासकर गृहस्थ जीवन जीने वालों के लिए।
इसलिए साधारण लोग भगवान परशुराम की पूजा से दूर रहते हैं। केवल वे लोग जो सिद्धि या विशेष शक्तियां प्राप्त करना चाहते हैं, वे साधना के जरिए उनकी आराधना करते हैं। भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का उग्र अवतार माना जाता है, और उनकी भक्ति साधारण लोगों के लिए कठिन मानी जाती है।

Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article श्री सत्यनारायण कथा श्री सत्यनारायण व्रत कथा, द्वितीय – अध्याय
Next Article ganesh chaturthi गणेश जी को अर्पित करें ये चीजें और पाएं उनकी असीम कृपा
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
YoutubeSubscribe
- Advertisement -
Ad image

You Might Also Like

shankh
अन्य

कैसे हुआ शंख का जन्म? जानिए शंखनाद का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक प्रभाव

By
दिव्यसुधा
ब्रह्म पुराण
अन्य

ब्रह्म पुराण हिंदी में

By
दिव्यसुधा
अन्य

Diverse Opinions That Ignite Conversations and Reshape Perceptions

By
दिव्यसुधा
अन्य

Discovering Harmony in Mental, Emotional, and Physical Health

By
दिव्यसुधा

दिव्यसुधा के बारे में!

दिव्य सुधा एक धार्मिक पत्रिका है जिसका उद्देश्य हिन्दू देवी-देवताओं की महिमा और सभी तीर्थ स्थलों की महत्ता, महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार, पूजन विधि एवं अन्य धार्मिक जानकारियों को साझा करना है।

Top Categories

सनातन धर्म

भगवान

मंदिर

राशिफल

पंचांग

आरती/मंत्र

गृह/नक्षत्र

व्रत और त्योहार

वास्तु शास्त्र /हस्त रेखा

अन्य

Useful Links

दिव्यसुधा के बारे में!

संपर्क करें

विज्ञापन

Contact Us
  • डजन हैंड्स मीडिया पब्लिकेशन 1/8 विवेक खंड, गोमती नगर, लखनऊ - 226010, उत्तर प्रदेश
  • Contactus@divysudha.com

Privacy policy      Terms & Conditions  
© 2025 Divysudha. All Rights Reserved.

Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?