लखनऊ, जो अपनी तहज़ीब, नवाबी अंदाज़ और ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है, वहां एक ऐसा मंदिर है जो न तो किसी भव्य इमारत में बना है और न ही पत्थर की दीवारों से घिरा हुआ है। फिर भी, यह मंदिर हज़ारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। हम बात कर रहे हैं — ‘बड़े पीपल के पेड़’ वाले गणेश मंदिर की, जो चौक इलाके में स्थित है।
लखनऊ के ‘बड़े पीपल के पेड़ वाला मंदिर’ न केवल अपनी अद्वितीयता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां की आस्था और भक्ति की भावना लोगों को आकर्षित करती है. लोगो का मनना है कि यह पीपल का पेड़ करीब 250 वर्ष पुराना है और इसमें स्वतः ही भगवान गणेश की आकृति बन गई है यह मंदिर श्रद्धालुओं के बीच खास चर्चा में है. जहां पर लोगो का दावा है कि भगवान गणेश की आकृति एक पीपल के पेड़ में प्रकट हुई है. काफी संख्या में लोग यहां पहुंचकर पूजा अर्चना कर रहे हैं. लोगों का यह भी मानना है कि पीपल के पेड़ में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास होता है. यह पूजनीय पेड़ है. अब भगवान गणेश ने हमें यहां दर्शन दिये हैं. इस लिए इसे बड़े पीपल के पेड़ वाला गणेश मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन के लिए आ सकते हैं।
मंदिर के परिसर में भगवान शिव, मां दुर्गा, हनुमान जी और शनिदेव की मूर्तियां भी स्थापित है. यहाँ पर महिलाएं हर सोमवार को पशुपति व्रत की पूजा करने आती है. जिसमें महिलाओं की भीड़ जमा होती है और हर शुक्रवार को भजन-कीर्तन का आयोजन होता है. जिसमें भक्तों की संख्या बढ़ जाती है. इस मंदिर में शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा की जाती है. इस दिन शनिदेव के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है और सुंदरकांड का पाठ किया जाता है.
स्थानीय निवासी लोगो का कहना है कि इस मंदिर में दर्शन कर लेने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हुई हैं. यह मंदिर न केवल भक्तों की आस्था का केंद्र है, बल्कि यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती है.