Monday, 16 Jun 2025
  • दिव्यसुधा के बारे में!
  • विज्ञापन
  • संपर्क करें
Subscribe
दिव्य सुधा
  • सनातन धर्म
    • भगवान
    • मंदिर
  • राशिफल
  • पंचांग
  • आरती/मंत्र
  • ग्रह-नक्षत्र
  • व्रत और त्योहार
  • वास्तु शास्त्र/हस्त रेखा
  • अन्य
ट्रेंडिंग
शमी और केले के पेड़: इन गलतियों से बचें, नहीं तो होगा नुकसान

शमी और केले के पेड़: इन गलतियों से बचें, नहीं तो होगा नुकसान

जानिए, आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला लाफिंग बुद्धा का सही रूप कौन सा है

जानिए, आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला लाफिंग बुद्धा का सही रूप कौन सा है

कैंची धाम का प्रतिष्ठा दिवस: जहां भक्ति और चमत्कार मिलते हैं एक साथ

कैंची धाम का प्रतिष्ठा दिवस: जहां भक्ति और चमत्कार मिलते हैं एक साथ

नाम जप में क्यों भटकता है मन और पाप की ओर क्यों आकर्षित होता है?

नाम जप में क्यों भटकता है मन और पाप की ओर क्यों आकर्षित होता है?

रविवार के दिन करें ये उपाय, मिलेंगे कई लाभ

रविवार के दिन करें ये उपाय, मिलेंगे कई लाभ

मार्तंड सूर्य मंदिर: कश्मीर की प्राचीन कला, आस्था और वास्तुकला का गौरव

मार्तंड सूर्य मंदिर: कश्मीर की प्राचीन कला, आस्था और वास्तुकला का गौरव

पैर छूने की असली वजह क्या है? जानिए शास्त्रों की राय

पैर छूने की असली वजह क्या है? जानिए शास्त्रों की राय

14 जून की गणेश चतुर्थी पर दुर्लभ ब्रह्म संयोग: बदल सकती है आपकी किस्मत

14 जून की गणेश चतुर्थी पर दुर्लभ ब्रह्म संयोग: बदल सकती है आपकी किस्मत

पूजन कक्ष में पूर्वजों के चित्र नहीं लगाने का कारण और सही दिशा

पूजन कक्ष में पूर्वजों के चित्र नहीं लगाने का कारण और सही दिशा

शनिवार लौंग उपाय: दूर होंगी परेशानियां, शनि देव होंगे प्रसन्न

शनिवार लौंग उपाय: दूर होंगी परेशानियां, शनि देव होंगे प्रसन्न

Font ResizerAa
दिव्य सुधादिव्य सुधा
  • सनातन धर्म
  • राशिफल
  • पंचांग
  • आरती/मंत्र
  • ग्रह-नक्षत्र
  • व्रत और त्योहार
  • वास्तु शास्त्र/हस्त रेखा
  • अन्य
Search
  • जानें दिव्यसुधा के बारे में!
  • विज्ञापन
  • संपर्क करें
Follow US
दिव्य सुधा > अन्य > पति की मृत्यु के बाद भानुमति ने क्यों किया अर्जुन से विवाह
अन्य

पति की मृत्यु के बाद भानुमति ने क्यों किया अर्जुन से विवाह

दिव्यसुधा
Last updated: April 17, 2025 11:18 am
दिव्यसुधा
Share
bhanumati
SHARE

महाभारत केवल एक महाकाव्य नहीं है, बल्कि यह कथाओं का एक विशाल भंडार है। इसमें नीति, कर्म, त्याग, बलिदान, प्रेम, युद्ध, धर्म और अधर्म से जुड़ी अनगिनत किस्से-कहानियां हैं। ऐसी ही एक कथा दुर्योधन की पत्नी के बारे में भी है, जिसका नाम भानुमति था। जो अत्यंत सुंदरी होने के साथ ही बहुत चतुर भी थी। वह कांबोज के राजा चंद्रवर्मा की पुत्री थी। राजा ने भानुमति के विवाह के लिए एक स्वयंवर रखा था। स्वयंवर में दुर्योधन और कर्ण सहित भारत के सभी राजा आमंत्रित थे, जिनमें शिशुपाल, जरासंध, रुक्मी आदि भी थे।

भानुमति का अपहरण
दुर्योधन चाहता था कि भानुमति उसे वरमाला पहनाए, लेकिन स्वयंवर में भानुमति हाथ में माला लेकर दुर्योधन के सामने से आगे बढ़ गई। तब दुर्योधन ने उसके साथ से माला झपटकर खुद ही अपने गले में डाल ली। इस पर सभी राजाओं ने तलवारें निकाल लीं। कर्ण की सहायता से दुर्योधन ने सभी योद्धाओं सभी को परास्त कर दिया। वह भानुमति का अपहरण कर हस्तिनापुर ले आया।

कहते है कि भानुमति भगवान श्री कृष्ण की अनन्य भक्त थी। वह पूरी उम्र कृष्ण जी की पूजा करती रही। इस बात के लिए उसके पति दुर्योधन ने कई बार उसे खरी-खोटी सुनाई, अपमान भी किया लेकिन भानुमति के लिए भगवान कृष्ण हमेशा आराध्य रहे। भानुमति की यह कृष्ण भक्ति उसके पति दुर्योधन की मृत्यु के बाद भी बनी रही। भानुमति के बेटे का नाम लक्ष्मण था और बेटी का नाम लक्ष्मणा था। लक्ष्मण महाभारत के युद्ध में मारा गया।

अपने पुत्री का विवाह कृष्ण के पुत्र से कराई

अपने कुनबे को बचाने के लिए भानुमति ने ही भगवान श्री कृष्ण के पुत्र साम्ब को अपनी पुत्री लक्ष्मणा को भगाकर ले जाने की युक्ति सुझाई. उसे अंदाज था कि युद्ध के बाद स्थितियां बदल चुकी हैं, लिहाजा उसे अब पांडवों से संबंध बेहतर कर लेने चाहिए. कृष्ण ने भी इस मामले में उसकी मदद की. कथा के अनुसार, जब साम्ब ने लक्ष्मणा का अपहरण कर लिया, तो दुर्योधन बहुत क्रोधित हुआ, तब भानुमति ने दुर्योधन को अपने अपहरण की याद दिलाई और साम्ब से लक्ष्मणा के विवाह में अहम भूमिका निभाई। कहते हैं, भानुमति ने अपने कुनबे को बचाने के लिए हर वो असंगत कार्य किया, हर उस चीज को जोड़ा, जिसका जुड़ना संभव नहीं था। इसीलिए ‘कहीं का ईंट, कहीं का रोड़ा, भानुमति ने कुनबा जोड़ा’ संबंधित कहावत बनी।

भानुमति ने क्यों किया अर्जुन से विवाह?
सवाल यह उठता है कि भानुमति ने कौरवों के दुश्मन अर्जुन से क्यों विवाह कर लिया। भानुमति जितनी रूपवती थी, उतनी ही चतुर भी। कहा जाता है कि जब महाभारत का युद्ध तय हो गया, तब भानुमति को पता था कि कौरवों का सर्वनाश होना निश्चित है। महाभारत युद्ध के बाद भानुमति नहीं चाहती थी कि आगे भविष्य में कोई युद्ध हो, इसलिए श्री कृष्ण के कहने पर उसने अर्जुन से विवाह कर लिया था।

TAGGED:सनातन धर्म
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article vishnu ji, shree krishn श्रीहरि की कृपा चाहिए? तो वैशाख में अपनाएं ये सरल उपाय
Next Article ब्रह्म पुराण ब्रह्म पुराण हिंदी में
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
YoutubeSubscribe
- Advertisement -
Ad image

You Might Also Like

pradosh vart
व्रत और त्योहार

शिव और शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनि प्रदोष पर अपनाएं ये उपाय

By
दिव्यसुधा
hanuman jayanti
व्रत और त्योहार

चैत्र पूर्णिमा 2025: हनुमान जी के प्रकट होने का पावन दिन

By
दिव्यसुधा
सेहत का सीक्रेट छुपा है आपके घर में! वास्‍तु बताएगा कैसे!"सेहत का सीक्रेट छुपा है आपके घर में! वास्‍तु बताएगा कैसे!"
वास्तु शास्त्र/हस्त रेखा

सेहत का सीक्रेट छुपा है आपके घर में! वास्‍तु बताएगा कैसे!

By
दिव्यसुधा
अन्य

Insights and Tips for Robust Health and Vitality

By
दिव्यसुधा

दिव्यसुधा के बारे में!

दिव्य सुधा एक धार्मिक पत्रिका है जिसका उद्देश्य हिन्दू देवी-देवताओं की महिमा और सभी तीर्थ स्थलों की महत्ता, महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार, पूजन विधि एवं अन्य धार्मिक जानकारियों को साझा करना है।

Top Categories

सनातन धर्म

भगवान

मंदिर

राशिफल

पंचांग

आरती/मंत्र

गृह/नक्षत्र

व्रत और त्योहार

वास्तु शास्त्र /हस्त रेखा

अन्य

Useful Links

दिव्यसुधा के बारे में!

संपर्क करें

विज्ञापन

Contact Us
  • डजन हैंड्स मीडिया पब्लिकेशन 1/8 विवेक खंड, गोमती नगर, लखनऊ - 226010, उत्तर प्रदेश
  • Contactus@divysudha.com

Privacy policy      Terms & Conditions  
© 2025 Divysudha. All Rights Reserved.

Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?