सूर्य के मीन राशि से निकलते ही 14 अप्रैल को खरमास समाप्त हो गया है. खरमास एक ऐसी समय है, जिसमें कोई भी शुभ कार्यों को करने से मना किया जाता है. खरमास के समय शुभ व मांगलिक कार्यक्रमों पर रोक लग जाती है. सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो गया है. ऐसे में अब सभी रुके हुए सारे शुभ कार्यों को शुरू करने का समय आ गया है, जो खरमास के वजह से बंद हो गए थे. खरमास खत्म होते ही शादी-विवाह की शहनाई गूंजेंगी और शुभ व मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे.
9 जून तक बजेगी शहनाई, शादी के शुभ मुहूर्त शुरू
ज्योतिषियों के अनुसार, 14 अप्रैल से 9 जून तक गृह प्रवेश, भूमि-पूजा , मूर्ति प्रतिष्ठा, मुंडन, यज्ञोपवीत संस्कार, मांगलिक कार्यों समेत कई शुभ मुहूर्त रहने वाले हैं. यदि बात की जाय शादी की तो इस बीच विवाह के भी 30 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं.
फिर से लगेगी 6 जुलाई से शुभ कार्यों पर रोक
14 अप्रैल से 9 जून तक होने वाले शादी-विवाह के मुहूर्त और अन्य शुभ कार्यों पर 6 जुलाई के बाद फिर से रोक लग जाएगी, जो 2 नवंबर तक जारी रहेगी. फिर इसके बाद शादी की शहनाई गूंजने लगेंगी.
खरमास में क्या करना चाहिए?
खरमास में सूर्य देव की उपासना करना तथा उनके मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है.
खरमास के दौरान ध्यान, योग और साधना करना अच्छा माना गया है.
तीर्थ यात्रा करना और धार्मिक स्थलों पर जाना शुभ माना जाता है.
खरमास में संयम रखना और स्वंम को नकारात्मक विचारों से दूर रहना महत्वपूर्ण है.
खरमास के दौरान क्या न करें?
विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन और अन्य शुभ कार्यों से बचना चाहिए.
नकारात्मकता और द्वेषपूर्ण विचारों से दूर रहना चाहिए.
खरमास में नशे- शराब और अन्य नशीले पदार्थों से दूर रहना चाहिए.
नई चीजों की खरीदारी करने से बचना चाहिए.
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