प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है. कालाष्टमी के दिन भगवान भोलेनाथ के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा की जाती है. मान्यता है कि काल भैरव की पूजा से जीवन के सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. कालाष्टमी का शिव भक्त विशेष रूप से भगवान भैरव के मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं. आइए जानते हैं वैशाख माह की कालाष्टमी कब है और इस दिन क्या करना चाहिए।
वैशाख कालाष्टमी की शुभ तिथि
इस साल वैशाख महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 20 अप्रैल दिन रविवार को रात 7:1 मिनट पर शुरू होगी और 21 अप्रैल सोमवार को शाम 6:58 मिनट तक रहेगी. वैशाख कालाष्टमी का व्रत 21 अप्रैल दिन सोमवार को रखा जाएगा.
वैशाख कालाष्टमी के दिन क्या करना चाहिए
कालाष्टमी को शिव जी के काल भैरव रूप की पूजा की जाती है. इस दिन काल भैरव की पूजा के साथ साथ कुछ बातों का भी ध्यान रखना चाहिए।
कालाष्टमी के दिन जीव जंतुओं को भोजन कराने से काल भैरव प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है.
कालाष्टमी के दिन जरूरतमंदों को अन्न का दान करने व्यक्ति के मन में आने वाले निगेटिव विचार दूर होते हैं.
कालाष्टमी के दिन काल भैरव के मंत्रों का जाप करें. जिससे भूत-पिशाच का डर दूर रहता है.
कालाष्टमी के दिन शिव पुराण का जाप करना चाहिए, और किसी के साथ खराब व्यवहार नहीं करना चाहिए
कालाष्टमी के दिन काल भैरव को गुड़, दही और हलवा का भोग चढ़ाना चाहिए. काले कुत्ते को भोजन कराना अत्यंत शुभ और फलदायक माना जाता है।
कालाष्टमी के दिन उपाय :-
सुख-समृद्धि के उपाय
कालाष्टमी के दिन पर काल भैरव जी के आगे मिट्टी के दीपक में सरसों के तेल का दीपक जलाकर, ‘ऊं ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊंमंत्र का जाप करें.
आर्थिक स्थिति बेहतर करने के उपाय
कालाष्टमी के शुभ दिन काल भैरव के चरणों में एक काले रंग का धागा अर्पित करें, इस काले धागे को पांच मिनट के लिए काल भैरव के चरणों में रहने दें और उनका का ध्यान करके उस काले धागे को अपने दाएं पैर में बांध लें. यह बुरी शक्तियों से रक्षा करने के साथ-साथ जीवन में भय, बाधा और संकटों को भी दूर करता है।”
सेहत के उपाय
बेहतर सेहत के लिए कालाष्टमी के दिन सरसों के तेल में चुपड़ी हुई रोटी काले कुत्ते को खिलाएं. रोटी पर तेल लगाते समय मन ही मन काल भैरव का स्मरण करें.
पारिवारिक कलह से बचाव के उपाय
पारिवारिक जीवन में चल रही कलह से बचने के लिए कालाष्टमी के दिन प्रात: काल स्नान करके शिव जी की प्रतिमा के आगे आसन बिछाकर बैठें और शिव चालीसा का पाठ करें.