Monday, 9 Jun 2025
  • दिव्यसुधा के बारे में!
  • विज्ञापन
  • संपर्क करें
Subscribe
दिव्य सुधा
  • सनातन धर्म
    • भगवान
    • मंदिर
  • राशिफल
  • पंचांग
  • आरती/मंत्र
  • ग्रह-नक्षत्र
  • व्रत और त्योहार
  • वास्तु शास्त्र/हस्त रेखा
  • अन्य
ट्रेंडिंग
सोमवार के दिन करें ये आसान उपाय, दूर होगी आर्थिक तंगी

सोमवार के दिन करें ये आसान उपाय, दूर होगी आर्थिक तंगी

ऑफिस डेस्क पर करें ये वास्तु उपाय, मिलेगा प्रोमोशन और बढ़ेगा प्रभाव

ऑफिस डेस्क पर करें ये वास्तु उपाय, मिलेगा प्रोमोशन और बढ़ेगा प्रभाव

08 जून 2025 पंचांग : जानिए व्रत- त्यौहार और नक्षत्र

08 जून 2025 पंचांग : जानिए व्रत- त्यौहार और नक्षत्र

5 जून 2025 राशिफल : जानिए प्रदोष व्रत के अवसर पर आपका दिन कैसा रहेगा

5 जून 2025 राशिफल : जानिए प्रदोष व्रत के अवसर पर आपका दिन कैसा रहेगा

शनिवार रात करें ये आसान उपाय, पाएं शनिदेव की कृपा

शनिवार रात करें ये आसान उपाय, पाएं शनिदेव की कृपा

कमजोर ग्रह देते हैं जीवन में संकेत, बदल जाती हैं आदतें

कमजोर ग्रह देते हैं जीवन में संकेत, बदल जाती हैं आदतें

इन 5 राशियों के बदलेगा भाग्य, करियर में मिलेगी बड़ी सफलता

इन 5 राशियों के बदलेगा भाग्य, करियर में मिलेगी बड़ी सफलता

आरती: श्री शनिदेव जी की

आरती: श्री शनिदेव जी की

07 जून 2025 पंचांग : जानिए आज का शुभ मुहूर्त, नक्षत्र और सर्वार्थसिद्धि योग

07 जून 2025 पंचांग : जानिए आज का शुभ मुहूर्त, नक्षत्र और सर्वार्थसिद्धि योग

आज का राशिफल : 7 जून मेष से लेकर मीन तक कैसा रहेगा आपका दिन

आज का राशिफल : 7 जून मेष से लेकर मीन तक कैसा रहेगा आपका दिन

Font ResizerAa
दिव्य सुधादिव्य सुधा
  • सनातन धर्म
  • राशिफल
  • पंचांग
  • आरती/मंत्र
  • ग्रह-नक्षत्र
  • व्रत और त्योहार
  • वास्तु शास्त्र/हस्त रेखा
  • अन्य
Search
  • जानें दिव्यसुधा के बारे में!
  • विज्ञापन
  • संपर्क करें
Follow US
दिव्य सुधा > व्रत और त्योहार > नवरात्रि विशेष… कब से शुरू हो रही चैत्र नवरात्रि, इस बार 8 दिन क्यों, जानें शुभ योग
व्रत और त्योहार

नवरात्रि विशेष… कब से शुरू हो रही चैत्र नवरात्रि, इस बार 8 दिन क्यों, जानें शुभ योग

दिव्यसुधा
Last updated: April 3, 2025 11:33 am
दिव्यसुधा
Share
mata rani
SHARE

हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, जो साल में चार बार मनाई जाती है। जिनमें चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है.नवरात्रि के अवसर देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है,और यह समय शक्ति, समृद्धि,और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति का होता है। चैत्र माह में मनाई जाने वाली नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि के नाम से जाना जाता है,और यह वर्ष का पहला नवरात्रि पर्व होता है। यह विशेष रूप से मां दुर्गा की उपासना और भक्ति का समय होता है। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। इसी क्रम में आइए जानते हैं कि इस बार चैत्र नवरात्रि कब से कब तक रहेगी। साथ ही जानते हैं कलश स्थापना के मुहूर्त के बारे में भी।

आरम्भ और समापन तिथि

2025 में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 3 मार्च 2025 को होगी यह प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को शाम 04:27बजे से शुरू होगी और 30 मार्च को दोपहर 12:49बजे समाप्त होगी उदयातिथि के अनुसार,चैत्र नवरात्रि 30मार्च को मनाई जाएगी.इस दौरान कलश स्थापना या घट स्थापना का महत्व होता है, जो नवरात्रि पूजा का शुभारंभ माना जाता है।

8 दिन की नवरात्रि क्यों

नवरात्रि सामान्यतः 9 दिनों तक मनाई जाती है, किंतु इस वर्ष तिथियों में कमी के कारण यह उत्सव 8 दिनों में समाप्त होगा. इसका कारण पंचांग की गणना है, जिसमें कभी-कभी तिथियों के संयोग के चलते एक दिन कम हो जाता है. फिर भी, धार्मिक दृष्टि से इसका विशेष महत्व है, क्योंकि कम दिनों में अधिक ऊर्जा और श्रद्धा के साथ पूजा करने का अवसर प्राप्त होता है.

रविवार को नवरात्रि शुरू और समाप्त होने का महत्व

रविवार का संबंध सूर्य ग्रह से होता है,जिसे शक्ति,ऊर्जा और आत्मबल का प्रतीक माना जाता है.इस साल नवरात्रि का आरंभ और समापन दोनों ही रविवार को हो रहा है,जिससे यह समय बहुत अधिक शुभ माना जा रहा है.सूर्य की कृपा से इस अवधि में साधना करने वालों को आत्मबल, उन्नति और सफलता का विशेष आशीर्वाद मिल सकता है.

कलश स्थापना :-
मुहूर्त: 30 मार्च 2025, सुबह 06:13 बजे से 10:22 बजे तक, अभिजित मुहूर्त (घटस्थापना): 30 मार्च 2025, दोपहर 12:01 बजे से 12:50 बजे तक इन मुहूर्त के दौरान पूजा और कलश स्थापना की जाती है। कलश स्थापना का कार्य घर में शांति, समृद्धि और सुख के लिए किया जाता है, और यह पूरे नवरात्रि पूजा का आधार बनता है।

ब्रह्म मुहूर्त स्नान के बाद अनुष्ठान की शुरुआत करें, और स्वच्छता तथा पवित्रता का ध्यान रखें।
एक बर्तन लें और उसमें मिट्टी डालकर उसे पानी से गीला करें। यह मिट्टी उर्वरता और विकास का प्रतीक है।
मिट्टी में जौ के बीज बोएं, जो घर में समृद्धि और विकास का प्रतिनिधित्व करते हैं।
जौ के ऊपर एक मिट्टी का कलश रखें। कलश प्रचुरता और दिव्यता का महत्वपूर्ण प्रतीक है।
कलश को गंगा जल से भरें, कलश के जल में सुपारी, एक सिक्का और फूल डालें।
कलश के ऊपर एक मिट्टी का कटोरा रखें, जिसे अक्षत से भरा गया हो।
कलश के सामने देवी की प्रतिमा स्थापित करें।
पूजा को पूरे वैदिक अनुष्ठानों के अनुसार करें, जिसमें मंत्रों का जाप, फूल, फल और धूप चढ़ाना शामिल है।
नवरात्रि के सभी नौ दिनों तक इस पूजा का क्रम बनाए रखें, जिसमें हर दिन प्रसाद और प्रार्थना की जाती है। नवरात्रि के नौवें दिन राम नवमी का पर्व मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान राम की पूजा के लिए है, और इसे नवरात्रि का समापन माना जाता है।
नवरात्रि के आखिरी दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन छोटी कन्याओं को देवी के रूप में पूजा जाता है और उन्हें भोजन और उपहार दिए जाते हैं। यह भक्तों की श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है।

Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article maa durga नवरात्रि विशेष… चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों में पहनें इन रंगों के वस्त्र, बरसेगी देवी की विशेष कृपा
Next Article maa shail putri नवरात्रि विशेष… चैत्र नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री की कथा
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
YoutubeSubscribe
- Advertisement -
Ad image

You Might Also Like

bada mangal
व्रत और त्योहार

बड़े मंगलवार के दिन सुन्दर करने से क्या होता है फायदा, जानें यहां

By
दिव्यसुधा
ganesh ji
व्रत और त्योहार

अप्रैल 2025 में विकट संकष्टी चतुर्थी: तिथि, पूजा विधि और महत्व की पूरी जानकारी

By
दिव्यसुधा
masik shivratri
व्रत और त्योहार

Masik Shivratri 25 मई 2025: मई माह में कब है मासिक शिवरात्रि? जानिए तिथि और शिव-पार्वती की पूजा विधि

By
दिव्यसुधा
hanuman jayanti
व्रत और त्योहार

चैत्र पूर्णिमा 2025: हनुमान जी के प्रकट होने का पावन दिन

By
दिव्यसुधा

दिव्यसुधा के बारे में!

दिव्य सुधा एक धार्मिक पत्रिका है जिसका उद्देश्य हिन्दू देवी-देवताओं की महिमा और सभी तीर्थ स्थलों की महत्ता, महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार, पूजन विधि एवं अन्य धार्मिक जानकारियों को साझा करना है।

Top Categories

सनातन धर्म

भगवान

मंदिर

राशिफल

पंचांग

आरती/मंत्र

गृह/नक्षत्र

व्रत और त्योहार

वास्तु शास्त्र /हस्त रेखा

अन्य

Useful Links

दिव्यसुधा के बारे में!

संपर्क करें

विज्ञापन

Contact Us
  • डजन हैंड्स मीडिया पब्लिकेशन 1/8 विवेक खंड, गोमती नगर, लखनऊ - 226010, उत्तर प्रदेश
  • Contactus@divysudha.com

Privacy policy      Terms & Conditions  
© 2025 Divysudha. All Rights Reserved.

Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?