इस बार हनुमान जयंती 12 अप्रैल को है। इस दिन भक्त हनुमान जी की पूजा और व्रत भी करते है। हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार माना जाता है और उनका जन्म वायु देव की कृपा से हुआ था। हनुमान जी की पूजा से जीवन में हिम्मत, सफलता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हनुमान जन्मोत्सव हिंदू धर्म का एक अहम त्योहार है, जो हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है और भक्त उन्हें प्रसन्न करने की पूरी कोशिश करते हैं।
हनुमान जी की पूजा विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को ही की जाती है, और इन दोनों दिनों का धार्मिक महत्व बहुत गहरा होता है। इन दिनों हनुमान जी की आराधना करने से न सिर्फ शारीरिक और मानसिक शक्ति प्राप्त होती है, बल्कि जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति भी मिलती है। आइए जानते हैं कि मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा को इतनी खास क्यों मानी जाती है।
मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा का महत्व
मंगलवार का दिन हनुमान जी के जन्म से जुड़ा हुआ है और इस दिन की पूजा विशेष रूप से शक्ति और साहस के लिए की जाती है। यह दिन मंगल ग्रह से भी संबंधित है। हनुमान जी को मंगल ग्रह का स्वामी माना जाता हैं जो साहस, और ऊर्जा का प्रतीक है। इस दिन उनकी आराधना करने से मंगल दोष दूर होता हैं। इसलिए मंगलवार को उनकी पूजा करने से जीवन में शक्ति और साहस का संचार होता है। यह दिन व्यक्ति को न सिर्फ शारीरिक बल, बल्कि मानसिक दृढ़ता भी प्रदान करता है, जिससे वह अपनी समस्याओं का सामना करने के लिए अधिक सक्षम बनता है।
शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा का महत्व
शनिवार का दिन भगवान शनिदेव को समर्पित होता है शनिवार का दिन हनुमान जी के साथ भी विशेष संबंध रखता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार, हनुमान जी ने शनिदेव को रावण से मुक्त कराया था. इसके बाद शनिदेव ने हनुमान जी को आशीर्वाद दिया था कि शनिवार के दिन जो भी भक्त हनुमान जी की उपासना करेगा, उसे शनिदेव के प्रकोप से मुक्ति मिलेगी। इसलिए, शनिवार को हनुमान जी की पूजा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति आती है. जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़े साती या ढैय्या चल रही होती है, उनके लिए शनिवार को हनुमान जी की पूजा विशेष रूप लाभकारी मानी जाती है.
इन दिनों की पूजा से न सिर्फ शनि दोष समाप्त होते हैं, बल्कि हर प्रकार के दुखों से मुक्ति भी मिलती है। मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा न केवल धार्मिक परंपरा का हिस्सा है, बल्कि यह जीवन में एक नई ऊर्जा और शांति का आह्वान भी है। इन दिनों की पूजा से हर भक्त को हर संकट से उबरने की शक्ति और आत्मविश्वास प्राप्त होता है।
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